उत्तराखंड सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस लाने के लिए प्रयास और तेज कर दिए हैं। सरकार द्वारा प्रवासियों के अपने घर लौटने के लिए आवेदन को दिए गए लिंक व हेल्पलाइन नंबरों पर अब तक करीब 90 हजार लोग आवेदन कर चुके हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रवासियों को घर वापस लाने की तैयारी पर अधिकारियों से समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने प्रवासियों को वापस लाने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि सरकार घर लौटने के इच्छुक हर राज्यवासी को उसके घर तक लाने का इंतजाम करेगी। इस वक्त प्रधान, एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है। दूसरे राज्यों से आने वालों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता रखनी होगी और उन्हें अपनत्व दिखाना होगा।
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि वापस लौटने वाले हर व्यक्ति को गहन जांच से गुजरना होगा, जिंन लोगों में कोरोना संक्रमण का जरा भी लक्षण नजर आएगा तो उन्हें देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी और ऊधमसिंहनगर में ही रोक लिया जाएगा। बाकी सभी लोगों को भी अनिवार्य रूप से होम क्वारंटीन में रहना होगा। इसके साथ ही राज्य के भीतर ग्रीन जोन के जिलों के लोगों को घर जाने की इजाजत दी गई है। उनके लिए होम क्वारंनटाइन जरूरी होगा।
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर सभी लोगों कि जिम्मेदारी होगी कि जिस भी व्यक्ति में खांसी, जुकाम आदि के लक्षण दिखाई दें, उसकी तत्काल सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें। वहीं प्रथम चरण में राहत कैंपों में रह रहे लोगों को उनके घर पहुंचाया जाएगा।