भाजपा विधायक महेश नेगी से जुड़े यौन शोषण के मामले में अब एक और नया मोड आया है। अब इस मामले की जांच पौड़ी के महिला थाने को सौंप दी गई है। साथ ही ब्लैकमेलिंग के मामले में पीडिता के खिलाफ दायर आरोप पत्र भी वापस लेने के आदेश दिए गए हैं। अब तक इस प्रकरण की जांच देहरादून में सीओ अनुज कुमार व सब-इंस्पेक्टर आशा पंचम के द्वारा की जा रही थी।
आपको बता दें कि विधायक महेश नेगी की पत्नी रीता नेगी ने 13 अगस्त को पीड़ित महिला, पति समेत 4 के खिलाफ ब्लैक मेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद पीड़िता भी खुलकर सामने आ गयी थी और विधायक महेश नेगी पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। जब पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई इसके बाद पीड़िता ने कोर्ट से सीधे विधायक महेश नेगी के खिलाफ रेप व अन्य गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था, जबकि विधायक की पत्नी रीता के खिलाफ भी धमकाने व अन्य गंभीर धाराओ में नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
पुलिस जांच में विधायक महेश का पीड़िता के साथ कई स्थानों साथ रहने के प्रमाण मिल चुके हैं, लेकिन सोमवार को पीडिता के खिलाफ ब्लैकमेलिंग मामले पर आरोप पत्र दायर किए गए। माना जा रहा है कि पीडिता के खिलाफ आरोप पत्र पेश करने सबंधी देहरादून पुलिस के कदम को आला-अधिकारियों ने गंभीरता से लिया, जिसके बाद आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने सख्त रूख अपनाते हुए मामले की जांच पौड़ी महिला थाने को सौंप दी है।