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केन्द्र सरकार ने अब राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए जारी की ये एडवाइजरी।

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केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने शनिवार को राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी करते हुए महिला अपराध के मामलों में पुलिस कार्यवाही सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। इस एडवाइजरी में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामले में कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 166 (A) FIR दर्ज न करने की स्थिति में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की इजाज़त देता है।

भारत सरकार की तरफ से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को समय-समय पर महिला अपराधों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए जाते हैं। दुष्कर्म के मामलों में जल्द एफआइआर दर्ज करने, सबूत जुटाने और समय पर फॉरेंसिक जांच करने का निर्देश हैं। आज जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार-

संज्ञेय अपराधों के मामलों में अनिवार्य रूप से एफआईआर दर्ज की जाए, कानून के मुताबिक पुलिस अपने थाने से बाहर हुई घटना के मामले में जीरो एफआईआर भी दर्ज कर सकती है।

संज्ञेय अपराधों के सिलसिले में  एफआईआर दर्ज करने में नाकाम रहने पर सरकारी कर्मचारी के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 166 केतहत दंड का प्रावधान है।

सीआरपीसी का सेक्शन 173 रेप के मामलों में दो महीनों में जांच पूरी करने की बात करता है, इस सिलसिले में गृहमंत्रालय ने ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया हुआ है जहां ऐसे मामलों को ट्रैक किया जा सकता है।

यौन हमले/ रेप पीडिता का 24 घंटे के भीतर सहमति से किसी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर से कराया जाना चाहिए।

मृतका का लिखित या मौखिक बयान एक साक्ष्य के तौर पर लिया जाएगा।

कानूनी तौर पर सख्त प्रावधानों और कैपेसिटी बढ़ाने के उपायों के बावजूद पुलिस की ओर से अगर इन अनिवार्य आवश्यताओं काका पालन नहीं किया जाता है तो देश में आपराधिक न्याय देने को प्रभावित कर सकता है। अगर इस तरह की खामियां पाई जाती हैं तो इनकी जांच होनी चाहिए और इनके लिए जिम्मेदार संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

यौन हमलों के मामलों में फॉरेंसिक साक्ष्य इकट्ठा करने के संबंध में गृहमंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की है, ऐसे मामलों की जांच के लिए पुलिस को एसएईसी किट्स दी गई है।

राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश सभी संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर सकते हैं, ताकि इन नियमों का सख्ती से पालन हो सके।