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रामनगर – पैंसे लेकर फर्जी कोरोना रिपोर्ट देने वाले लैब टैक्नीशियन के खिलाफ मुकदमा दर्ज…

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सेना की भर्ती में जाने वाले युवाओं की बिना जांच किए उन्हें फर्जी कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट थमाने के मामले में संयुक्त चिकित्सालय रामनगर के लैब टैक्निशियन प्रशान्त बधुरी के खिलाफ रामनगर कोतवाली में केस दर्ज कर दिया गया है। संयुक्त चिकित्सालय के यूनिट प्रभारी डॉ. राकेश कुमार की ओर से कोतवाली में यह मामला दर्ज कराया गया हैं। लैब टैक्नीशियन पर आरोप हैं कि उसने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सेना की भर्ती में जाने वाले युवााओं से पैंसे लेकर उन्हें कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट जारी कर दी। मामले की जांच गर्जिया पुलिस चौकी के इंचार्ज मनोज सिंह नयाल को सौंपी गई है।

बता दें की 20 दिसंबर से कोटद्वार में सेना भर्ती रैली चल रही है, जिसमें कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लाने पर ही अभ्यर्थियों को प्रवेश का मौका मिलेगा, भर्ती विभिन्न जिलों के लिए अलग-अलग दिन तय की गई है। भर्ती रैली में जाने के लिए बड़ी संख्या में युवा कोरोना जांच के लिए अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। यूथ फाउंडेशन पीरूमदारा में आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे युवा कोरानो टेस्ट के लिए रामनगर चिकित्सालय आए यहां लैब में कार्यरत दो कर्मचारियों द्वारा बिना जांच किए ही 100 से अधिक युवाओं को कोरोना निगेटिव सौंप दी गई।

ऐसे प्रकाश में आया मामला-

मामले का खुलासा तब हुआ कि जब युवा अपना टेस्ट कराने के लिए 20 दिसंबर को अस्पताल पहुंचे लेकिन वहां मौजूद कर्मचारियों ने बिना जांच के ही इन युवाओं की नेगेटिव की रिपोर्ट देते हुए रिपोर्ट में 27 दिसंबर की दिनांक डाल कर दे दी। फाउंडेशन के निरीक्षक मंगल सिंह को इस मामले में जब शक हुआ तो उन्होंने फाउंडेशन के साथी गणेश रावत व तेजेश्वर घुघत्याल को मामला फर्जी लगने की जानकारी दी।

घटना की जानकारी एसडीएम विजय नाथ शुक्ल को दी गई एसडीएम ने इस मामले में नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कौशिक को मामले की जांच के निर्देश दिए जिसके बाद नोडल अधिकारी डॉक्टर कौशिक अस्पताल पहुंचे तो रिपोर्ट देखकर वह भी चौंक गए। युवाओं को सौंपी गई रिपोर्ट में नोडल अधिकारी की मोहर तो लगाई गई थी लेकिन उस पर जो हस्ताक्षर थे वह फर्जी थे, उन्होंने बताया कि पूर्व में भी मामला उनके संज्ञान में आया था तो उन्होंने अस्पताल की लैब में रैपिड एंटीजन की किट उपलब्ध कराना बंद कर दिया था।