करोड़ों की लागत से तैयार हो रहा गौलापार का इंटरनेशनल स्टेडियम सरकार से नहीं संभलेगा। रखरखाव के भारी भरकम खर्च के चलते स्टेडियम को निजी हाथों में दिया जाएगा। मई में स्टेडियम का निर्माण पूरा होने के बाद यह विभाग को हस्तांतरित होगा। इसके बाद खेल निदेशालय स्टेडियम को निजी हाथों में देने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
वर्ष 2014 में गौलापार में इंटरनेशनल स्टेडियम शुरू हुआ था। सरकार ने इसके लिए 192 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था। करीब एक साल पहले क्रिकेट स्टेडियम तैयार हो चुका है। इंडोर स्टेडियम और स्वीमिंग पूल का निर्माण अंतिम दौर में है। दोनों का निर्माण मई तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद निर्माण कर रही कंपनी एनसीसी स्टेडियम को खेल विभाग को हैंडओवर करेगी।
15 लाख प्रति माह आएगा मेंटेनेंस खर्च
गौला पार के इंटरनेशनल स्टेडियम के रखरखाव पर हर माह लाखों रुपये का खर्च आएगा। एक अनुमान के मुताबिक स्टेडियम के मेंटेनेंस, सुरक्षा, साफ-सफाई, मैदान, स्वीमिंग पूल की देखभाल पर करीब 14-15 लाख रुपये का खर्च आएगा। रखरखाव पर भारी भरकम खर्च के कारण सरकार इसे अपने स्वामित्व में रखने के बजाय निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है।
मई बाद सरकार जारी करेगी टेंडर
इंटरनेशनल स्टेडियम को निजी हाथों में देने के लिए सरकार टेंडर जारी करेगी। मई बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दरअसल, मई के अंत तक लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता भी प्रभावी है। जो भी कंपनी सरकारी टेंडर में सरकार के नियमों में फिट बैठेगी उसे ही स्टेडियम के रखरखाव की जिम्मेदारी मिलेगी।
स्टेडियम का निर्माण अभी चल रहा है। मई के अंत तक आचार संहिता प्रभावी है। मई के बाद स्टेडियम को पीपीपी मोड पर देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसका टेंडर निकाला जाएगा।
– प्रताप साह, खेल निदेशक, उत्तराखंड