अल्मोड़ा के बेस, जिला और महिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ होने के बावजूद इलाज नहीं मिलने से नवजात की मौत हो गई।
हालांकि, लाचार पिता उसे बचाने के लिए हल्द्वानी तक पहुंचा, लेकिन यहां डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया।
बेबस पिता की परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई। उसे सोमवार को हल्द्वानी में नवजात के पोस्टमार्टम के लिए भी भटकना पड़ा।
बाल रोग विशेषज्ञ के न होने का हवाला दिया
बागेश्वर के तरमोली निवासी भूपाल सिंह की पत्नी कविता देवी ने 25 जनवरी को बच्चे को जन्म दिया था। नवजात मल-मूत्र नहीं त्याग पा रहा था।
भूपाल के अनुसार 27 की शाम वह उसे पहले अल्मोड़ा बेस अस्पताल ले गए जहां बाल रोग विशेषज्ञ के न होने का हवाला दिया गया। इसके बाद वे उसे महिला अस्पताल ले गए तो यह बंद मिला।
अल्मोड़ा जिला अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर न होने की बात कही गई और सुशीला तिवारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। रात दो बजे भूपाल नवजात को लेकर सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे।
डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के लिए दबाव बनाया
एसटीएच में डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। एसटीएच के डॉक्टरों ने तीन दिन के नवजात की मृत्यु की सूचना मेडिकल चौकी को दी। सोमवार को दिनभर भूपाल नवजात के पोस्टमार्टम के लिए भटकता रहा। भूपाल का कहना है कि डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के लिए दबाव बनाया था।
मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। मामले की लिखित शिकायत आने पर जांच कराई जाएगी। महिला, बेस और जिला अस्पताल अल्मोड़ा तीनों में बाल रोग विशेषज्ञ हैं।
बच्चे का इलाज न करना गंभीर मामला है। सीएमओ से पूछा जाएगा कि बच्चे का इलाज क्यों नहीं किया गया। शिकायत आने पर मामले की जांच कराई जाएगी।