उत्तरकाशी के पुरोला में लव-जिहाद प्रकरण के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल जैसे हिंदूवादी संगठनों ने 15 जून गुरूवार को महापंचायत का ऐलान किया था, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी और 14 जून से 5 दिन तक पुरोला नगर पंचायत में धारा-144 लगा दी है।
वहीं एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के सदस्य अधिवक्ता शाहरुख आलम ने बुधवार को पुरोला में हिंदुवादी संगठनों की महापंचायत व संप्रदाय विशेष के लोगों को 15 जून तक शहर छोड़ने के मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर आज सुनवाई हुई।
हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पुरोला में सांप्रदायिक तनाव के लिए राज्य सरकार से 3 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश दे दिये हैं साथ ही महापंचायत को रोकने महापंचायत का आयोजन करने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए स्थानीय हिंदू संगठनों पर मुकदमा दर्ज करने का भी आदेश जारी किया गया है।
पुरोला में हिंदूवादी संगठनों की महापंचायत के विरोध में एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हे हाईकोर्ट जाने की सलाह दी जिसके बाद उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में याचिका डाली गयी जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 3 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश जारी किया और साथ ही महापंचायत रोकने और हिन्दू संगठनों पर मुकदमा दर्ज़ करने के भी आदेश जारी किए।