प्रदेश में आंदोलनरत मनरेगा कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है, 80 दिनों से अपनी मांगो को लेकर आंदोलन पर डटे मनरेगा कर्मचारियों के मामले का मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री ने 1294 मनरेगा कर्मचारियों की मांगों का संज्ञान लेते हुए, पुरानी व्यवस्था के तहत मनरेगा कर्मचारियों को काम करने के लिए कह दिया है। जिससे मनरेगा कर्मचारियों में खुशी देखने को मिल रही है। आप को बता दें कि ग्राम विकास विभाग के तहत सेवाएं दे रहे मनरेगा कर्मचारियों को विभाग के द्वारा एनजीओ के माध्यम से काम करने के लिए आदेश जारी किया गया था।जिससे मनरेगा कर्मचारी नाराज चल रहे थे, और कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू कर दिया था। कर्मचारियों की हड़़ताल का असर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों पर भी पड़ रहा है।
लेकिन अब मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांगो को संज्ञान लिया है। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना है कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि पहले की भांती यानी पुरानी व्यस्था के तहत ही मनरेगा कर्मचाारी काम करेंगे। सरकार सेे मिले आश्वासन से मनरेगा कर्मचारियों में खुशी है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उनको अगर पुरानी व्यवस्था के तहत काम करने का लिखित आश्वासन देते है तो वह आंदोलन खत्म कर देंगे।