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सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में हो गए फेल तो परेशान न हों, ऐसे रेगुलर पढ़कर दे सकते हैं परीक्षा

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अगर आप इस साल सीबीएसई 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। बोर्ड का नियम है कि आप घर बैठकर प्राइवेट छात्र के तौर पर परीक्षा देने के बजाए स्कूल में रि-एडमिशन लेकर रेगुलर छात्र के तौर पर परीक्षा दे सकते हैं। सोमवार को सीबीएसई ने अपने इस नियम के अनुपालन का सर्कुलर दोबारा जारी किया है।

पहले यह नियम था कि अगर कोई छात्र 10वीं या 12वीं के बोर्ड एग्जाम में फेल हो जाता था तो वह अगले वर्ष बतौर प्राइवेट छात्र फॉर्म भरकर ही परीक्षा दे सकता था। इससे जहां छात्र की परीक्षा प्रभावित होती थी, वहीं उसकी मार्कशीट पर प्राइवेट छात्र होने की जानकारी भी प्रकाशित होती थी।

छात्रों की इस समस्या का समाधान करने के लिए बोर्ड ने बतौर रेगुलर स्टूडेंट पढ़ाई करने का मौका दिया था। बुधवार को इस नियम का सर्कुलर दोबारा जारी किया गया। इसके तहत सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह ऐसे छात्रों को अपने संस्थान में बतौर रेगुलर छात्र दाखिला दें। जो छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा में फेल हो जाएंगे, वह भी रि-एडमिशन लेकर बतौर रेगुलर छात्र पढ़ाई कर सकते हैं।

विषय बदलने का भी है मौका

अगर आपने 9वीं या 11वीं की परीक्षा पास की है, लेकिन किसी विषय में कमजोर हैं तो 10वीं या 12वीं के लिए उसे बदला जा सकता है। इसके लिए 15 जुलाई अंतिम तिथि तय की गई है। शर्त यह है कि 9वीं या 11वीं में सभी विषयों में छात्र को पास होना चाहिए। माना कि किसी छात्र के पास 11वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स हैं।

वह इन विषयों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है। 11वीं पास करने के बाद वह कॉमर्स या ह्यूमैनिटीज लेना चाहता है तो इसके लिए एक एप्लीकेशन अपने स्कूल में जमा करानी होगी। साथ ही प्रति विषय 1000 रुपये शुल्क देना होगा। स्कूल के माध्यम से आवेदन सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालय के पास जाएगा, जिसके बाद विषय बदल जाएगा। इसके लिए शर्त यह भी है कि इसमें छात्र के अभिभावक और स्कूल की सिफारिश भी होनी चाहिए।

सीबीएसई ने फेल छात्रों को रि-एडमिशन का मौका दिया हुआ है। जो छात्र 10वीं या 12वीं बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए हैं, वह अपने पुराने स्कूल ही नहीं बल्कि किसी दूसरे स्कूल में भी दोबारा दाखिला ले सकते हैं।
– रणबीर सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, सीबीएसई देहरादून

सीबीएसई का यह नियम छात्रों के लिए एक सौगात है। फेल होने के बाद वह घर नहीं बैठेंगे। बल्कि अपनी पसंद के स्कूल में दाखिला लेकर दोबारा पढ़ाई कर सकते हैं। सभी स्कूलों को इसे सकारात्मक तौर पर लेना चाहिए।
-बीके सिंह, प्रिंसिपल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, देहरादून

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