प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अयोध्या पहुंचे और राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कर राम मंदिर की आधारशिला रखी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित किया, उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत ओर अंत जयसिया राम और सियापति रामचंद्र की जय कहकर किया। इस मौके पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राम अनेकता में एकता का संदेश देते हैं, उन्होंने कहा राम सबके हैं, और सब राम के हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में सुंदरकांड की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा, मुझे तो यहां आना ही था क्योंकि राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम। यानि कि भगवान राम का काम किए बिना मुझे आराम कहां मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा रामलला पिछले कई वर्षों से टेंट में रह रहे थे, टूटना और फिर खड़ा होना, सदियों से जारी इस क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्ति हुई है। इस मौके पर मैं 130 करोड़ देशवासियों को नमन करता हूं।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों के संयमित और शांतिपूर्ण व्यवहार की प्रशंसा की उन्होंने कहा जब सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि मामले में अपना फैसला सुनाया था तब समस्त देशवासियों ने शांतिपूर्वक और मर्यादा में रहते हुए व्यवहार किया था। आज कोरोना के दौर में भूमि पूजन के समय भी हमें यही मर्यादा देखने को मिल रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा। यह मंदिर करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का प्रतीक भी बनेगा। यह आने वाली पीढियों को साधना और संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राम भारतीय संस्कृति का आधार हैं। उन्होंने कहा कोई काम करना हो तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट हो गई, क्या कुछ नहीं हुआ। अस्तित्व मिटाने का हर प्रयास हुआ, लेकिन राम आज हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति के आधार हैं।
राम अनेकता में एकता के प्रतीक हैं। सब राम के हैं, राम सबके हैं तुलसी के राम सगुण राम हैं। नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं। आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के रघुपति राम हैं। तमिल, मलयालम, बांग्ला, कश्मीर, पंजाबी में राम हैं। प्रधानमंत्री ने कहा भगवान राम भी मानते हैं कि भय बिनु होइ न प्रीति यानी बिना डर के प्रेम नहीं होता है इसलिए हमारा देश जितना अधिक ताकतवर होगा हम उतने ही सुरक्षित और भयमुक्त होंगे। उन्होंने लोगों से कोरोना के दौर में देशवासियों से श्रीराम की मर्यादा के रास्ते पर चलने की अपील की। उन्होंने लोगों से मास्क लगाने और शारीरिक दूरी बनाए रखने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में लोगों को राम मंदिर भूमिपूजन की बधाई देते हुए और सियापति रामचंद की जय कहकर अपना संबोधन समाप्त किया।