दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर उत्तराखण्ड में भी सीएए और एनआरसी का विरोध देखने को मिला, पिछले दिनों हल्द्वानी में मुस्लिम महिलाएं बच्चों समेत दिन रात धरने पर डटी रहीं तो वहीं देहरादून में भी मुस्लिम समुदाय की महिलाओं का धरना प्रदर्शन देखा गया। वहीं नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में आज विभिन्न संगठनों ने देहरादून में बंद का एलान किया है। शहर काजी मुहम्मद अहमद कासमी ने लोगों से विरोधस्वरूप अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की है। उधर, पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर शहर को पांच जोन और 11 सेक्टर में बांटा है।
देहरादून में तंजीम-ए-रहनुमा-ए-मिल्लत की तरफ से अनुरोध किया है कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में अपने कारोबार बंद कर दुआएं करे कि अल्लाह सरकार को इस काले कानून को वापस लेने की तौफीक दे। इसी तरह शहर काजी मौलाना मुहम्मद अहमद कासमी की अपील सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। मौलाना कासमी की तरफ से सीएए को काला कानून बताते हुए अपने कारोबार बंद कर दुआ करने की अपील की है।
प्रस्तावित बंद को लेकर पुलिस ने व्यापक तैयारी की है। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद सुरक्षा का खाका तैयार किया है। उन्होंने बताया कि शहर को पांच जोन और 11 सेक्टराें में बांटा है।
सीओ जोनल और थाना प्रभारी सेक्टर प्रभारी होंगे। इसके अलावा पीएसी की कई कंपनी भी लगाई है। सूत्रों के मुताबिक इनामुल्ला बिल्डिंग, माजरा, आजाद कालोनी, मुस्लिम कालोनी, डिस्पेंसरी रोड आदि में बंद का असर नजर आएगा।
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि यदि कोई अपनी मर्जी से व्यापार बंद करना चाहता है तो वह कर सकता है। पुलिस का काम शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना है। यदि कोई जबरन बाजार बंद कराने की कोशिश करेगा तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। थाना प्रभारियों को अपने-अपने इलाकों में प्रभावी गश्त के साथ हर छोटी बात को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करने को कहा है।