उत्तराखंड में शिक्षा विभाग बाल दिवस पर प्रदेश के स्कूलों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं और प्रधानाचार्यों को बड़े तोहफे देने जा रहा है।स दिन एक ओर जहां अकादमिक, शोध एवं शिक्षण विभाग की ओर से तैयार आनंदम पाठ्यक्रम की शुरुआत होगी। वहीं, दूसरी ओर स्कूलों के प्रधानाचार्यों को उनकी मेहनत के लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय पुरस्कार से भी इसी दिन नवाजा जाएगा।
स्कूल में नौनिहालों के दिन की शुरुआत अब गणित के कठिन सवालों से नहीं बल्कि हंसी-मजाक और नैतिक शिक्षा के साथ होगी। अकादमिक, शोध एवं शिक्षण विभाग ने पहली से आठवीं कक्षा तक के लिए आनंदम पाठ्यक्रम तैयार किया है। इस पाठ्यक्रम के तहत छात्रों के दिन की शुरुआत प्रार्थना के बाद पढ़ाई की बजाय ऐसी गतिविधियों और क्रियाकलाप से होगी, जिससे उनमें ऊर्जा का संचार हो।
अकादमिक शोध एवं शिक्षण विभाग की निदेशक सीमा जौनसारी ने बताया कि आनंदम में साल भर के हिसाब से हर दिन के लिए एक्टिविटी तय की गई है। इसके तहत स्कूल में बच्चों को पहली घंटी में शुरू के 15 मिनट प्रकृति, परिवार, समाज और अपने आप को समझने का मौका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों को तनाव मुक्त और दिन भर ऊर्जावान बनाने के उद्देश्य से आनंदम शुरू किया जा रहा है। बताया कि बाल दिवस के दिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद किताब का विमोचन कर इस पाठ्यक्रम को लागू करेंगे।
शिक्षकों को मिलेगा पं. दीन दयाल पुरस्कार-शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले स्कूलों और प्रधानाचार्यों को बाल दिवस पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रदेश के चयनित शिक्षकों को आमंत्रण पत्र भेजना शुरू कर दिया है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि प्रदेश भर से लगभग 300 प्रधानाचार्यों और छात्रों को इसके लिए चयनित किया गया है। बताया कि लगातार तीन वर्ष से बेहतर रिजल्ट दे रहे स्कूलों और मेरिट में शामिल छात्रों को यह पुरस्कार दिया जाता है। बाल दिवस पर किसान भवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री यह पुरस्कार देंगे।
15 को शुरू होगा स्मार्ट स्टूडियो
समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के 500 स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज के हाईटेक स्टूडियो शुरू होंगे। ननूरखेड़ा स्थित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में बन रहे प्रादेशिक स्टूडियो सेंटर में इस पर तेजी से काम हो रहा है। सोमवार को खुद समग्र शिक्षा के अपर निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने अपनी टीम के साथ स्टूडियो की जांच की। स्टूडियो के जरिये अगस्त्यमुनि, पाबो, चंपावत से लेकर अन्य कई जिलों के दूरस्थ स्कूलों में वीडियो कॉलिंग से बात की गई।