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अल्मोड़ा- जनपद में स्थापित होगी कोरोना टेस्टिंग की सबसे बड़ी हाईटेक लैब, सैंपल जांच में आएगी तेजी।

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उत्तराखण्ड में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से आई है। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 30 हजार पार कर चुकी है। हालांकि कोरोना संक्रमितों की बढ़ी हुई संख्या टेस्टिंग बढाना भी माना जा रहा है। प्रदेश में अब रोजाना 7 हजार से 8 हजार के बीच सैंपल टेस्ट के लिए भेजे जा रहे हैं। वहीं सरकार अधिक से अधिक टेस्टिंग पर जोर दे रही है। स्वास्थ्य सचिव भी कह चुके हैं कि टेस्टिंग क्षमता बढ़ाई जा रही है, औऱ रोजाना कम से कम 10 हजार सैंपल टेस्ट किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रदेश के गढ़वाल मंडल में तो टेस्टिंग बढ़ाई गई है, लेकिन कुमाऊं मण्डल में यह चुनौती बनी हुई है। क्योंकि यहां सुशीला तिवारी अस्पताल की लैब पर पूरे कुमाऊं मण्डल का दबाव है। लैब कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण पाए जाने के बाद कई बार लैब को भी बंद करना पड़ा है, जिसके कारण सैंपलों की रिपोर्ट आने में काफी वक्त लग जाता है।

वहीं अब जल्द कुमाऊं मण्डल में एक औऱ हाईटेक लैब स्थापित की जाएगी, जिससे सुशीला तिवारी अस्पताल की लैब पर दबाव तो कम होगा ही टेस्टिंग में भी तेजी आएगी। अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज में हाइटेक लैब बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई। प्रदेश में यह पहली उच्च स्तरीय बायो सेफ्टी-थ्री प्रयोगशाला होगी।इस प्रयोगशाला में रोजाना 1 हजार सैंपलों की जांच हो सकेगी। लैब के संचालन के लिए चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वित्तीय स्वीकृति भी मिल गई है।

अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामगोपाल नौटियाल ने बताया कि यह उत्तराखंड की सबसे उच्च स्तर की कोरोना टेस्टिंग लैब होगी। इसमें कोविड-19 के साथ ही सभी किस्म के अन्य वायरस की जांच भी की जाएगी। करीब तीन करोड़ की लागत वाली अत्याधुनिक प्रयोगशाला की क्षमता भी बेहतर होगी, जहां एक दिन में एक हजार नमूनों की जांच की जा सकेगी। लैब तैयार करने का जिम्मा हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड को दे दिया गया है। अक्टूबर दूसरे सप्ताह तक उच्च स्तरीय बायो सेफ्टी-थ्री प्रयोगशाला में जांच शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

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