बिहार के बाद अब चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस ने उत्तराखंड में भी दस्तक दे दी है। चमकी बुखार की वजह से गुरुवार को हरिद्वार के एक बुजुर्ग की मौत हो गई। यह बात शुक्रवार को ऋषिकेश एम्स से आई रिपोर्ट के बाद पता लगी। चमकी बुखार की दस्तक से स्वास्थ्य विभाग सकते में है।
बता दें कि डेंगू से पीड़ित हरिद्वार के एक मरीज ने गुरुवार को तड़के एम्स में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। 58 साल के इस बुजुर्ग मरीज को बुधवार को ही उपचार के लिए हरिद्वार से एम्स, ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था।
जानकारी के मुताबिक मृतक काशीपुरा कोतवाली नगर क्षेत्र का रहने वाला है। मरीज के खून की जांच में डेंगू के लक्षण पाए गए थे। जांच के आधार पर स्वास्थ विभाग भी इसे डेंगू से मौत ही मान रह था। वहीं यह भी कहा जा रहा था कि मरीज की मौत वायरल से हुई है जबकि रिपोर्ट में साफ आया था कि वे डेंगू से पीड़ित थे।
सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि शुक्रवार को एम्स से उनकी जांचों की रिपोर्ट ली गई है। रिपोर्ट के अध्ययन से पता चला है कि वे डेंगू से पीड़ित नहीं थे, बल्कि चमकी बुखार से हुई है।
चमकी बुखार के लक्षण और बचाव के तरीके
चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार रहता है। बदन में ऐंठन होती है। बच्चे दांत पर दांत चढ़ाए रहते हैं। कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश होता है। यहां तक कि शरीर भी सुन्न हो जाता है। इससे उसे झटके लगने लगते हैं। इसकी वजह से सेंट्रल नर्वस सिस्टम खराब हो जाता है।
क्या करें क्या न करें
-बच्चे को बेहोशी की हालत में छायादार स्थान पर लेटाकर रखें।
-बुखार आने पर बच्चे को दाएं या बाएं तरफ लेटाकर अस्पताल ले जाएं।
-बुखार आने पर बच्चे के शरीर से कपड़े उतारकर उसे हल्के कपड़े पहनाएं।
क्या न करें
-बच्चे को कंबल से न ढकें या गर्म कपड़े न पहनाएं।
-मरीज के पास बैठकर शोर न मचाएं।
-बेहोशी की हालत में बच्चे के मुंह में कुछ न डालें।
-मरीज के बिस्तर पर न बैठें और न उसे बेवजह तंग करें।
हरिद्वार में डेंगू से संदिग्ध 20 और मरीज आए सामने
डेंगू से संदिग्ध 20 नए मरीज सामने आए। जबकि विभागीय अधिकारी प्रतिदिन लार्वा ढूंढकर नष्ट करने और जागरूकता अभियान चलाने व फॉगिंग करने का दावा कर रहे हैं। शहर में डेंगू प्रतिदिन खतरनाक होता जा रहा है। प्रतिदिन मरीजों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है।
शुक्रवार को 20 नए मरीजों में डेंगू होने का मामला सामने आया। इसके बाद डेंगू के संभावित मरीजों की संख्या 257 तक पहुंच चुकी है, जबकि एलाइजा रिपोर्ट में 104 मरीजों की डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। लगातार मरीजों के मामले आने से जिला स्वास्थ्य विभाग और नगर स्वास्थ्य विभाग के अभियान की पोल खुलकर सामने आ रही है। जिला स्वास्थ्य की मलेरिया विभाग की टीम दो महीने से मैदान में प्रचार प्रसार एवं लार्वा ढूंढकर नष्ट करने में लगी हुई है।
डेंगू की भयंकर स्थिति होने पर पार्षदों के सहयोग से नगर स्वास्थ्य विभाग भी मैदान में उतरकर फॉगिंग करने का दावा कर रहा है। बावजूद इसके डेंगू शहर में अपने पैर पसारते जा रहा है। सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि डेंगू के मरीजों के मामले सामने आने पर संबंधित क्षेत्रों में अभियान चला रही है।