केले के थंब (तना) से बिजली पैदा करने का आविष्कार कर चुके बिहार के भागलपुर के युवा वैज्ञानिक गोपाल को आबूधाबी में विश्व का सबसे बड़े साइंस फेयर में बतौर मुख्य वक्ता आमंत्रित किया गया है। इस साइंस फेयर में विश्व भर से करीब 6 हज़ार से अधिक वैज्ञानिक शामिल होंगे।
19 वर्षीय युवक गोपाल बिहार के भागलपुर के ध्रुवगंज गांव में रहने वाले हैं, और देश में रहकर शोध करने के लिए नासा का ऑफर ठुकरा चुके हैं।गोपाल जी ने बताया कि नासा के मिशन को छोड़कर वे देश के युवाओं के लिए बेहतर प्लेटफॉर्म तलाश रहे हैं।जिन युवाओं में विज्ञान के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की क्षमता दिखेगी, उनकी प्रतिभा को मुकाम दिलाने की पूरी कोशशि करेंगे। और उन्होंने हर साल देश के 100 बच्चों को मदद देने का फैसला किया है। इसी के तहत वह अभी तक 8 बच्चों के आविष्कारों का पेटेंट भी करवाया है। फिलहाल, गोपाल देहरादून के ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट की लैब में टेस्टिंग कर रहे हैं। वह झारखंड में लैब बनाकर वहां रिसर्च करना चाहते हैं।
साल 2014 में जब गोपाल 10 वीं में थे, तभी उन्होंने बनाना बायो सेल कि खोज कि और इस खोज के लिए उन्हे इंस्पायर्ड अवार्ड से नवाजा गया। गोपाल साल 2017 में प्रधानमंत्री मोदी से मिले और पीएम मोदी ने उन्हे एनआईएफ़ अहमदाबाद भेज दिया, जहां उन्होने कुल 6 आविष्कार किए। गोपाल की गिनती दुनिया के 30 स्टार्टअप साइंटिस्ट में भी होती है।