देहरादून : आज बात एक ऐसे राज्यसभा सांसद की जिन पर पूरे पहाड़ को नाज है। हर उत्तराखंडी गर्व की अनुभूति कर रहा है कि वह हमारे राज्यसभा सांसद हैं। राज्यसभा सांसद के तौर पर अनिल बलूनी के छह साल के कार्यकाल का पहला साल 3 अप्रैल 2019 को पूरा हो गया है। बलूनी ने इस 1 साल के कार्यकाल में कई ऐसे काम कर दिखाए, जो नामुमकिन से माने जा रहे थे। बलूनी के एक दर्जन कार्यों में कुछ ऐसी अनूठी पहल हैं, जो पलायन, पिछड़ेपन और बुनियादी समस्याओं का सामना कर रहे पहाड़ के लिए मरहम और जनप्रतिनिधियों के लिए सबक सरीखे हैं। अपने इन कार्यों की वजह से ही वे सक्रिय, सतर्क और संवेदनशील सांसद की छवि बनाते दिखे हैं।
भाजपा में राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे बलूनी ने प्रदेश के राजनेताओं के सामने यह उदाहरण भी प्रस्तुत किया है, केंद्रीय नेतृत्व और केंद्रीय मंत्रियों से मधुर रिश्तों का लाभ प्रदेश की जनता को किस तरह से दिलाया जा सकता है। ये बलूनी ही हैं, जिन्होंने सांसद बनने के बाद कार्यकर्ताओं को होर्डिंग, पोस्टर, अभिनंदन और स्वागत समारोह करने से साफ मना कर दिया। पहला वेतन उन्होंने राजकीय अनाथालय के बच्चों के कल्याण के लिए दान कर दिया। सांसद निधि का इस्तेमाल नाली खड़ंजों पर खर्च करने की परंपरा को तोड़ा और इसका इस्तेमाल बड़े कार्यों पर करने की एक नई रिवायत शुरू की।
अनिल बलूनी के कार्यों पर एक नजर
1. नैनी दून एक्सप्रेस का संचालन
2. राज्य को एनडीआरएफ की पृथक बटालियन का आवंटन
3. कोटद्वार और उत्तरकाशी चिकित्सालयों में आईसीयू की स्थापना
4. पौड़ी के बौर गांव को गोद लिया
5. सेना और अर्द्धसेना के अस्पतालों में आम जनता का उपचार
6. आईटीबीपी के अस्पतालों में उपचार प्रारंभ कराया
7 विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की पैरवी, समाधान अंतिम चरण में पहुंचाया
8 मसूरी पेयजल योजना के लिए 187 करोड़ स्वीकृत कराए
9. तीलू रौतेली व माधो सिंह भंडारी के स्मारकों को पुरातत्व विभाग से संरक्षित करवाना
10. टनकपुर-बागेश्वर से गैरसैंण-कर्णप्रयाग रेललाइन के सर्वे के लिए धन स्वीकृत कराना
11. रामनगर में आधुनिक बस पोर्ट की स्थापना
12. राज्य के लिए पृथक दूरदर्शन चैनल प्रारंभ करवाना
इन योजनाओं पर चल रहा है काम
-सांसद निधि से ऋषिकेश एम्स और सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में रैन बसेरे बनाने की घोषणा
-नैनीताल पेयजल योजना के लिए केंद्र सरकार से धनराशि स्वीकृति का प्रयास
-ऋषिकेश में बसपोर्ट बनाने के लिए पहल
10 पर्वतीय जनपदों के 10 निर्जन गांवों को गोद लेने का निर्णय
उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में पलायन से निर्जन होने के बाद ‘भुतहा गांव’ कहलाने वाले गांवों का नीति आयोग कायाकल्प करेगा। आयोग ने सांसद अनिल बलूनी के पलायन के खिलाफ चलाई मुहिम के तहत 10 पर्वतीय जनपदों के 10 निर्जन गांवों को गोद लेने का निर्णय लिया है। आयोग ऐसे गांवों को मॉडल गांव के तौर पर विकसित करेगा। यही नहीं, आयोग प्रदेश में पलायन की समस्या पर उच्च स्तरीय अध्ययन रिपोर्ट भी तैयार करवाएगा। आयोग की विशेषज्ञ टीम सांसद बलूनी के गोद लिए गए बौर गांव का भी दौरा करेगी। सांसद बलूनी उत्तराखंड में पलायन की समस्या को लेकर भारत सरकार के मंत्रालयों और संस्थानों से निरंतर संवाद कर रहे हैं। इस कड़ी में बुधवार को उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार से भेंट की और उत्तराखंड में भयावह होती पलायन की समस्या के समाधान के लिए नीति आयोग से सहयोग मांगा। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने उत्तराखंड जैसे हिमालयी और सामरिक प्रांत के पलायन को गंभीर समस्या माना। इस अवसर पर नीति आयोग के अटल इन्नोवेशन मिशन के निदेशक डॉ. उन्नत पंडित भी उपस्थित थे। जल्द ही डॉ. पंडित सांसद बलूनी के साथ बौर गांव का दौरा भी करेंगे।