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विधानसभा सत्र के तीसरे दिन की शुरुआत रही हंगामेदार, पहाड़ी उत्पादों को उचित मूल्य देने की मांग।

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उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा। कांग्रेसी विधायक उत्तराखंड के परंपरागत अनाज और फलों को हाथों मे लेकर विधानसभा पहुंचे। विधायकों ने सरकार से पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने की मांग की, उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने कहा के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बाद प्रदेश में कोई भी नेता पहाड़ के पारंपरिक अनाज और फलों को लेकर संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में इस समय किसान आंदोलनरत है, हमारा राज्य पर्वतीय राज्य है, अपने उत्पादों को बाजार तक लाने के लिए पहाड़ के लोगों के पास बेहतर सड़क मार्ग नहीं हैं, जिसके चलते माल्टा खेतों में सड़ रहा है।

सरकार माल्टे के खरीद के लिए ना तो कोई प्रयास कर रही है ना ही समर्थन मूल्य तय कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे पहाड़ी उत्पाद झंगोरे, मडुवे पर सरकार ने मौन साध लिया है। पर्वतीय राज्य की मांग इसीलिए की गई थी कि हमारे नौजवान काश्तकार अपने पारंपरिक कृषि उत्पादों से ही रोजगार प्राप्त करे और हमारे कृषि उत्पादों को भी कहीं न कहीं जगह मिले। लेकिन इस ओर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। सरकार का ध्यान इस ओर खींचने के लिए आज हमने पहाड़ी उत्पादों को हाथ में लेकर विधानसभा आए हैं।