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अल्मोड़ा डीएम और विधानसभा उपाध्यक्ष के बीच टकराव का मुद्दा सदन में गूंजा, मामले की जांच मुख्य सचिव से कराए जाने का मिला आश्वासन।

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मंगलवार को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में अल्मोड़ा जिलाधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की शिकायत का भी गूंजा। विधानसभा उपाध्यक्ष और अल्मोडा विधायक रघुनाथ सिंह चौहान की ओर से विशेषाधिकार हनन का मामला सदन में उठाया गया तो विपक्ष ने भी पीठ से  पूछा कि मामले में दोषियों के खिलाफ सरकार क्या कार्रवाई की जा रही है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार  का नौकरशाही पर नियंत्रण नहीं है।

विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान के अनुसार सितंबर में अल्मोड़ा में ऑक्सीजन ना मिलने से 3 मरीजों की मौत हो गई थी। उन्होंने डीएम को सीएमओ, सीएमएस- पीएमएस को बुलाने को कहा था। डीएम ने तो पहले हामी भरी लेकिन बैठक के दिन सीएमओ को आने से रोका। डीएम ने उन्हें खुद फोन कर कहा कि सीएमओ बैठक में नहीं आएंगे। उन्होंने का कि मैंने डीएम को पत्र लिखा कि आपके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला क्यों न उठाया जाए, उन्होंने इस पत्र का जवाब भी नहीं दिया।

सदन में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सदन में पूछा कि आपकी ओर से डीएम अल्मोड़ा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन पर अभी तक क्या कार्रवाई की गई, संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मामले में डीएम ने विधानसभा उपाध्यक्ष से माफी मांग ली है, लेकिन विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि डीएम ने उनसे माफी नहीं मांगी है। मामला बिगड़ता देख संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मामले की जांच मुख्य सचिव से कराई जाएगी। वहीं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में पहुंचकर मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।