
उत्तराखण्ड में पोस्टल बैलेट में गड़बडी की आशंका वाले वायरल वीडियो को लेकर निर्वाचन आयोग ने संज्ञान लिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सैन्य क्षेत्र की इस वीडियो को लेकर सभी रिटर्निंग अफसरों के माध्यम से सेना के अधिकारियों से जानकारी मांगी है। दरअसल उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर किया था। जिसमें किसी आर्मी सेंटर में एक ही व्यक्ति द्वारा सभी लोगों के पोस्टल बैलट पर मतदान करते हुए देखा गया है। इस मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा था कि पुलिस और निर्वाचन विभाग को इस मामले में तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।
अब इस मामले पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने सभी सैन्य क्षेत्रों से जुड़ी विधानसभाओं के रिटर्निंग अफसरों से जवाब मांगा है। यह रिटर्निंग अफसर, सेना के अफसरों से पोस्टल बैलेट से मतदान की प्रक्रिया को लेकर जवाब मांगकर अपनी रिपोर्ट देंगे, इस रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग आगे का निर्णय लेगा।
वहीं उत्तराखंड भाजपा की ओर से बताया गया है कि उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री और डीडीहाट से वर्तमान विधायक बिशन सिंह चुफाल ने भी इस मामले की निर्वाचन विभाग से शिकायत की है वही डीडीहाट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप पाल ने भी इस मामले में पिथौरागढ़ पुलिस से शिकायत की है जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में एफ आई आर दर्ज की है पुलिस ने कहा है कि प्रथम दृष्टया यह मामला डीडीहाट का प्रतीत होता है।
पोस्टल बैलट के इस वीडियो को लेकर कांग्रेस और भाजपा में बयानों का दौर भी जारी है कांग्रेस ने जहां इसे भाजपा और सरकार के दबाव में करार दिया है वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस चुनाव में सिर्फ खामियां निकालती है पोस्टल बैलट से कमियां निकालते निकालते कांग्रेसी ईवीएम तक आएगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस को पता है कि वह हार रही है, इसलिए वह बगैर सिर-पैर की बात कर रही है। और ठीकरा संवैधानिक संस्थाओं पर फोड़ रही है। राजनीतिक विदे्ष के चलते कांग्रेस के शीर्षस्थ नेता ने फर्जी वीडियो जारी किया है। यह भारतीय सेना का अपमान है। वहीं कांग्रेस ने 80 प्लस और दिव्यांग मतदाताओं के मतदान पर भी सवाल उठाए हैं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा है हमने प्रत्याशियों से बात की है, सामने आया है कि 80 वर्ष से अधिक आयु वाले, दिव्यांग, सर्विस मतदाताओं से जुड़ी सूचियां उपलब्ध नहीं कराई गई। हम मांग करते हैं कि मतगणना से पूर्व इन सभी के लिए दोबारा मतदान की प्रक्रिया कराई जाए।