भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव पर भारत ने एक और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिया है विज्ञान महोत्सव के तीसरे दिन 268 छात्रों ने एक साथ रेडियो किट असेबलिंग करके एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया.कार्यक्रम में कुल 490 छात्रों ने हिस्सा लिया जिनमें से 268 छात्रों ने तय समयसीमा के भीतर अपना काम पूरा करके यह कामयाबी हासिल की.
अब तक बन चुके दो रिकॉर्ड-केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने यह रिकॉर्ड देश के दो महान वैज्ञानिक सी.वी.रमण और जगदीश चंद्र बोस को समर्पित किया. विज्ञान के क्षेत्र में भारत के प्रथम नोबेल विजेता सी.वी. रमण की जयंती सात नवंबर है जबकि जगदीश चंद्र बोस की जयंती इसी महीने 30 नवंबर को है.विज्ञानं महोत्सव में पहले ही दिन स्पेक्ट्रोस्कोप असेंबलिंग के लिए देश के छात्रों ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था, जिसमें एक साथ 1,598 छात्रों ने सफलतापूर्वक यह कार्य पूरा किया था.
इतिहास में आज ही के दिन विल्हम रोंटजेन ने कैथोड रेडिएशन के साथ प्रयोग करते हुए एक्स-रे का आविष्कार किया था. आज ही के दिन पूरी दुनिया रेडियोलॉजी दिवस मनाती है
आज किसी भी तरह की चोट का सटीक आकलन करने के लिए डॉक्टर्स सबसे पहले एक्स-रे करवाते हैं. इस एक्स-रे की शुरुआत करने वाली शख्सियत का नाम विल्हम रोंटजेन है. आज उनकी बदौलत ही हम अपने शरीर के भीतरी हिस्सों को भी साफ-साफ देख सकते हैं. उन्होंने यह बेहद महत्वपूर्ण आविष्कार साल 1895 में आज ही के दिन किया था. इस दिन को पूरी दुनिया रेडियोलॉजी दिवस के नाम से मनाती है.
विल्हम ने कैथोड रेडिएशन के साथ प्रयोग करते वक्त एक्स-रे का आविष्कार किया.उन्हें इस रिसर्च के दौरान एकदम से ऐसा महसूस हुआ कि एक्स रे इंसानी टिश्यू के पार निकल जाता है. जिससे हड्डियां दिखने लगती हैं.पहला एक्स-रे उन्होंने अपनी पत्नी बर्था के हाथों पर किया.आज दुनिया भर में हर सेकंड 126 एक्स-रे होते हैं. यानी 1 साल में 4 अरब.