Home उत्तराखंड महिला स्वयं सहायता समूहों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए-...

महिला स्वयं सहायता समूहों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए- मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत

340
SHARE

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री, भारत सरकार डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, भारत सरकार आर. के. सिंह, उत्तराखण्ड के कौशल विकास मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत एवं विधायक/भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की वर्चुअल उपस्थिति में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले में स्किल इंडिया पैवेलियन का डिजिटल लॉन्च कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री तीरथ रावत एवं केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने स्किल इंडिया के मेले में प्रतिभाग कर रहे युवाओं से बातचीत कर युवाओं को कौशल विकास के लिए अन्य लोगों को प्रेरित करने एवं आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने की अपील की।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने महिला स्वयं सहायता समूहों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिये जाने और कौशल विकास कार्यक्रम को आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल से जोड़ने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने हरिद्वार कुम्भ मेले में स्किल इंडिया पैवेलियन – कौशल मेला के वर्चुअल उद्घाटन के अवसर पर कहा कि इस स्किल इंडिया पैवेलियन के द्वारा देश के युवाओं का कौशल विकास होगा और वे एक नए भारत के निर्माण में अपना योगदान देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सम्पूर्ण विश्व में यह कुम्भ मेला भारत की आध्यात्मिक ताकत का बोध कराता है उसी प्रकार हम सभी का एकजुट प्रयास हो कि स्किल इंडिया पैवेलियन देश के युवाओं को आने वाले भविष्य के अनुरूप कौशल का निर्माण करने में एक दिशा दे और हम एक भारत-श्रेष्ठ भारत के सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कुम्भ मेले में केंद्र सरकार से बहुत महत्वपूर्ण सहयोग मिला है। हमारे कुशल कार्यबल की ही लगन और मेहनत का फल है कि इस महाकुम्भ का आयोजन ऐसी कठिन परिस्थितियों में भी किया जा सका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कृषि, उद्यानिकी, फूड प्रोसेसिंग, पर्यटन विशेष तौर पर साहसिक पर्यटन और आईटी पर फोकस किया जा सकता है। इन क्षेत्रों में कौशल विकास के कार्यक्रम चलाए जाएं। इनकी मार्केटिंग पर भी ध्यान देना होगा। प्रदेश में स्थानीय स्वयं सहायता समूहों और इनमें भी महिला स्वयं सहायता समूहों को कौशल विकास से जोड़ें तो बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 में उत्तराखंड को अधिक लक्ष्य आवंटित किये जाने का अनुरोध किया।

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री, भारत सरकार डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि कुंभ मेला हमारे संस्कारों का अभिन्न अंग रहा है। कुभ में आने का लोगों का मुख्य उद्देश्य धर्म एवं मोक्ष से होता है, वहीं स्किल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य अर्थ और काम की प्राप्ति करना है। उन्होंने कहा कि मेलों का आयोजन भारतीय परम्पराओं का अभिन्न अंग रहा है। मेलों में खेती एवं कारोबार से संबंधित यंत्रों की प्रदर्शनी की भारत में पहले से ही परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जरूरतों के हिसाब से राज्य में कौशल विकास के लिए योजनाएं बनाई जा रही है। एडवेंचर, आर्गेनिक खेती, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में कौशल विकास के प्रशिक्षण के लिए उत्तराखण्ड को केन्द्र की ओर से पूरा सहयोग दिया जायेगा। केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की भूमि में प्रवेश करते ही देवत्व का अहसास होता है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा कोविड की गाईडलाईन का पूरा पालन कराते हुए कुभ में साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं को कुभ स्नान शानदार व्यवस्थाएं कराई गई हैं।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कुंभ दुनिया का आकर्षण का केन्द्र होता है, कुंभ के समय कौशल विकास की दृष्टि से लोगों में जागृति फैलाने का यह सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, कौशल विकास से उनकी प्रतिभाएं उजागर होंगी। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कौशल विकास विभाग द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए नई शिक्षा नीति में कक्षा 06 से व्यावसायिक शिक्षा को जोड़ा गया है।