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प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ा सीएए विरोध प्रदर्शन का असर

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नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं।जिसका सीधा असर अब उत्तराखण्ड के पर्यटन पर भी पड़ने लगा है, दिसंबर में क्रिसमस व 31 दिसंबर का जश्न मनाने बड़ी संख्या में पर्यटक उत्तराखंड पहुंचते हैं, और इस समय यहां बर्फ से ढ़की पहाडियां भी पयटकों को उत्तराखण्ड खींच लाती हैं।लेकिन एनआरसी व सीएए को लेकर देश में उठे बवाल के कारण पर्यटक अब बुकिंग कैंसिल कराने लगे हैं अकेले  नैनीताल में 70 से 80 फीसदी होटलों की बुकिंग पर्यटकों ने कैंसल कर दी है। रामनगर में भी जिम कार्बेट और आसपास के होटल और रिजॉर्ट समेत पर्यटन से जुड़े कारोबारियों को चार दिनों में दस करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। हर साल की तरह इस वर्ष भी क्रिसमस से लेकर थर्टी फर्स्ट तक नैनीताल एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में देश के विभिन्न प्रांतों के अलावा विदेशी पर्यटकों ने होटलों में एडवांस बुकिंग कराई थी।पर इस बीच सीएए के विरोध में उत्तर प्रदेश के कानपुर, मेरठ, गोरखपुर, अलीगढ़, संभल, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, वाराणसी समेत कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। देश में अचानक बिगड़े माहौल के बीच पर्यटकों ने बुकिंग रद्द करानी शुरू कर दी है।भीमताल क्षेत्र के होटलों में अब तक 30 से 40 फीसदी एडवांस बुकिंग कैंसल हो चुकी हैं। वहीं रामनगर में भी यही हाल हैं। यहां सौ से अधिक रिजॉर्ट एवं होटल हैं, जहां के पर्यटक भी बुकिंग कैंसल करा रहे हैं। अब तक 50 फीसदी से अधिक एडवांस बुकिंग कैंसल हो चुकी हैं। हालांकि, कुछ सैलानियों को उम्मीद है कि थर्टी फर्स्ट से पहले हालात सामान्य हो जाएंगे। ऐसे सैलानी होटल प्रबंधन से संपर्क में हैं और उन्होंने अभी बुकिंग कैंसल नहीं कराई है। देश में बवाल के चलते कोई भी सैलानी नैनीताल आने का रिस्क नहीं लेना चाहता है। 80 फीसदी बुकिंग कैंसल हो चुकी है।