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पिथौरागढ़: आफत में 60 परिवार

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पिथौरागढ़ में मौसम के बिगड़े मिजाज ने एक बार फिर कहर बरपाया है। यहां बादल फटने की वजह से एक पुल बह गया, साथ ही 15 मवेशियों के बहने की भी खबर है, कई लोग बेघर हो गए हैं, क्योंकि भूस्खलन से उनके घरों को नुकसान पहुंचा है। कुल मिलाकर यहां आपदा जैसे हालात बने हुए हैं, प्रशासन ग्रामीणों की मदद में जुटा है। घटना सीमांत क्षेत्र धारचूला की है, जहां ताकुला गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। ये गांव कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग में पड़ता है, और सामरिक दृष्टी से बेहद महत्वपूर्ण है। बताया जा रहा है कि गांव का खेल मैदान मलबे से पट गया है, यही नहीं ताकुला से लेकर घटियाबागड़ तक भारी भूस्खलन भी हुआ है। यहां के 60 से ज्यादा परिवार आपदा से प्रभावित हुए हैं, भूस्खलन की वजह से कई मकान ढहने की कगार पर हैं। राहत की बात ये है कि तहसील मुख्यालय धारचूला से राजस्व टीम गांव में पहुंच चुकी है। ग्रामीणों को सुरक्षित जगह पहुंचाने की कवायद शुरू हो गई है। गांव के बाहर टेंट बनाए जा रहे हैं, जिनमें ग्रामीणों को ठहराया जाएगा। प्रभावित गांव में संचार सेवाएं ठप हैं, यही वजह है कि यहां पर नुकसान कितना हुआ है, और इस वक्त कैसी स्थिति है इस बारे में फिलहाल पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है।

हालांकि प्रशासन का कहा है कि फिलहाल जनहानि की खबर नहीं है। आपदा प्रभावितों ने बताया कि बुधवार रात करीब साढ़े आठ बजे तेज आवाज के साथ गांव के ऊपर की पहाड़ी से पानी का नाला फूट पड़ा। गांव के लोग भारी दहशत में आ गए। लोगों ने घर से बाहर निकल कर देखा तो तांकुल और मांगती नाले में मलबा भरा हुआ था। नालों में मलबा भरने से तांकुल को जोड़ने वाली दो आरसीसी पुलिया बह गईं। बादल फटने से गांव में भारी तबाही हुई है, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, पानी की लाइनों को भी नुकसान पहुंचा है। खेतों में भी मलबा भरा हुआ है। हालांकि वक्त बीतने के साथ पानी का बहाव कम हो गया है, जिसके बाद ग्रामीण राहत महसूस कर रहे हैं, पर खतरा अभी टला नहीं है। कई मकानों को नुकसान पहुंचा है, ग्रामीण परेशान हैं, उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके।

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