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पाकिस्तान ने भारत के लिए बंद की सभी डाक सेवाएं …70 सालो में हुआ ऐसा पहली बार….

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भारत के विभाजन के बाद तीन युद्ध, पाकिस्‍तान के साथ लगातार बने हुए तनाव और मध्य पूर्व से जुड़े सर्किट मार्ग के बावजूद दोनों देशों के बीच एक सेवा कभी बंद नहीं हुई। हालांकि, जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच डाक मेल सेवा को रोक दिया है। भारत ने इसे दुर्भाग्‍यपूर्ण कदम बताया है।

पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच होने वाले पत्र व्यवहार को रोक दिया है। डेढ़ महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन पाकिस्तान ने भारत से जाने वाले किसी भी पत्र को स्वीकार नहीं किया है। 27 अगस्त को उसने आखिरी बार भारत के पत्रों के कंसाइनमेंट (ढेर सारे पत्रों का अंबार) को लिया था। यह पहली बार है जब दोनों देशों के बीच पत्र व्यवहार को रोका गया है। यह विभाजन, तीन युद्ध, तनाव, यातायात सेवा बंद होने के दौरान भी कभी नहीं रुका था। हालांकि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है।

डेढ़ महीने से ज्यादा समय हो गया है, जब पाकिस्तान ने पिछले 27 अगस्त को भारतीय डाक अधिकारियों से अपने देश के लिए डाक मेल की एक खेप को स्वीकार किया था, उसके बाद से यह सेवा बंद है। डाक सेवाओं के निदेशक (मेल एंड बिजनेस डेवलपमेंट) ने कहा कि यह एकतरफा फैसला उनकी तरफ से था। इस तरह का फैसला पहली बार किया गया है। हमें यकीन नहीं है कि आदेश कब उठाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय खेपों से निपटने के लिए देश भर के 28 विदेशी डाकघरों (एफपीओ) में से केवल दिल्ली और मुंबई एफपीओ को ही पाकिस्तान को डाक मेल भेजने और आने वाले के लिए नामित किया गया है।

सेंट्रल दिल्ली के कोटला मार्ग पर एफपीओ को जम्मू-कश्मीर के अलावा छह राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से आने वाली खेप के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है , जबकि मुंबई में एफपीओ को बाकी देश के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। दिल्ली एफपीओ के अधीक्षक सतीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के अधिकांश डाक इस कार्यालय द्वारा भेजे जाते हैं और उनमें से अधिकांश पंजाब और जम्मू और कश्मीर से होते हैं। यह ज्यादातर अकादमिक और साहित्यिक सामग्री होती है।

इस कारण भारतीय डाक अधिकारियों ने पाकिस्तान जाने वाले पत्रों को ‘ऑन होल्ड’ मार्क कर दिया है। दिल्ली के डाक सेवाओं के निदेशक (मेल और बिजनेस डेवलपमेंट) आरवी चौधरी ने कहा, ‘यह उनकी तरफ से लिया गया एकतरफा फैसला है। यह पहली बार है जब उन्होंने इस तरह का कदम उठाया है। हमें नहीं पता कि वह कब हमारे पत्रों के कंसाइनमेंट को स्वीकार करेंगे।’ देश में 28 फॉरेन पोस्ट ऑफिस (एफपीओ) हैं जहां विदेशी कंसाइनमेंट आते हैं। जिसमें से केवल दिल्ली और मुंबई के एफपीओ को पाकिस्तान पत्र भेजने और पत्र स्वीकार करने के लिए अधिकृत किया गया है

केंद्रीय दिल्ली के कोटला मार्ग पर बना एफपीओ छह राज्यों के कंसाइनमेंट के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर कार्य करता है। वह जम्मू-कश्मीर के अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से पत्रों को स्वीकार करता है। वहीं मुंबई का एफपीओ बाकी देश के लिए एक्सचेंज ऑफिस के तौर पर कार्य करता है। दिल्ली एफपीओ के अधीक्षक सतीश कुमार ने कहा, ‘पाकिस्तान के अधिकांश डाक इस कार्यालय द्वारा भेजे जाते हैं और उनमें से अधिकांश पंजाब और जम्मू और कश्मीर से होते हैं। यह ज्यादातर अकादमिक और साहित्यिक सामग्री वाले होते हैं।’