उत्तराखण्ड में कोविड-19 संक्रमण में कमी के बाद निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को भी राहत दी है। रविवार को आयोग ने समीक्षा करने के बाद खुले मैदान और इनडोर में सभाएं करने पर लोगों की संख्या की बाध्यता खत्म कर दी है। लेकिन डोर टू डोर प्रचार में अधिकतम संख्या अभी भी 20 ही रहेगी।
चुनाव आयोग ने उत्तराखण्ड में तैनात किए गए स्पेशल आब्जर्वर, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव से मिली जानकारी के आधार पर यह निर्णय लिया है। प्रदेश में 7 फरवरी से कक्षा 1 से ऊपर के स्कूल भी खुल गए हैं। जिसे देखते हुए आयोग ने भी अपनी 31 जनवरी की गाइडलाइन में संशोधन किया है, ताजा संशोधन में अगले आदेश तक रोड़ शो, पद यात्रा, साईकिल,वाहन, मोटरसाईकिल रैली पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
खुले मैदान में अब प्रत्याशियों के लिए एक हजार लोगों की बाध्यता नहीं है, बल्कि खुले मैदान की क्षमता का 30 प्रतिशत या उस जिले के डीएम की ओऱ से निर्धारित संख्या में नेता अपनी जनसभाएं कर सकते हैं। इसी प्रकार इनडोर हॉल में भी अब 500 लोगों का नियम नहीं रहेगा, इसकी जगह उस इनडोर हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत लोगों के साथ सभा की जा सकेगी।
किसी भी खुले मैदान या इनडोर की सभा के लिए प्रत्याशियों को चुनाव आयोग से समक्ष ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आयोग सभी आवेदनों के आधार पर सभी दलों के नेताओं को खुले या इनडोर हॉल में जनसभा के लिए मौका देगा। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर यह मौका दिया जाएगा।
आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और स्थानीय प्रशासन को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत खुले मैदान व इनडोर हॉल में होेने वाली सभाओं और बैठकों में लोगों के आने के लिए अलग-अलग गेट रखने होंगे, ताकि ज्यादा भीड़ जमा न हो पाए। इसके साथ ही मास्क और कोरोना से बचाव के तय मानकों के मुताबिक शारीरिक दूरी का भी पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।