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धामी मंत्रिमंडल में अब 5 कुर्सियां खाली, मंत्रिमंडल में जल्द नए चेहरों को मिल सकती है जगह..

मंत्री पद को लेकर ये नाम भी हैं चर्चा में..

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रविवार को कैबिनेट मंत्री पद से प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफा देने के साथ ही धामी कैबिनेट में फेरबदल की जल्द संभावनाएं बन गई हैं। इस्तीफा प्राप्त होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्यपाल को भेज दिया है। तेज हुई राजनीतिक हलचल के बीच कैबिनेट में नए मंत्री बनाए जाने और एक और मंत्री को बदले जाने की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। 23 मार्च को धामी सरकार का तीन साल कार्यकाल पूरा हो रहा है। इससे पहले कैबिनेट विस्तार की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

दरअसल, क्षेत्रवाद को लेकर दिए बयान पर विवाद गहराने के बाद पार्टी के भीतर ही प्रेमचंद अग्रवाल की कैबिनेट से विदाई की चर्चाएं जोरों पर थीं। हालांकि उनके बयान को लेकर पाटी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और स्वयं अग्रवाल ने डेमेज कंट्रोल की काफी कोशिश की, लेकिन पार्टी के भीतर से ही उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रियाओं ने विवाद को और हवा दे दी।

केंद्रीय नेतृत्व ने एक्शन को लेकर दिया था संकेत
प्रदेश नेतृत्व ने अग्रवाल को तलब कर उन्हें विवादित बयानबाजी से बचने की नसीहत दी थी और रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी थी। बाद में पार्टी ने मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष से भी इस बारे में फीडबैक लिया। पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की ओर से बयान पर जन प्रतिक्रियाओं और उसके राजनीतिक नफा नुकसान का आकलन करने के बाद मंत्री अग्रवाल को होली के बाद इस्तीफा देने के लिए इशारा कर दिया गया था, ताकि वह कैबिनेट से सम्मानजनक ढंग से विदा हो जाएं।

धामी कैबिनेट में अब पांच कुर्सियां खालीं
तीन साल से कम कार्यकाल में धामी कैबिनेट में दो और कुर्सियां खाली हो चुकी हैं। सरकार गठन के दिन से ही तीन कुर्सियां खाली रखी गई थीं। कैबिनेट मंत्री रहे चंदन राम दास के निधन के बाद एक कुर्सी खाली चल रही थी। अग्रवाल का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद खाली कुर्सियों की संख्या पांच हो जाएगी।

मंत्री पद को लेकर ये नाम भी हैं चर्चा में-

प्रेमचन्द्र अग्रवाल के मंत्री पद से इस्तीफा देने व कैबिनेट में फेरबदल की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभी तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधी है। लेकिन मंत्री पद की दावेदारी को लेकर कई नाम चर्चाओं में हैं। कैबिनेट में भाजपा संसदीय क्षेत्र के हिसाब से प्रतिनिधित्व तय करती है। माना जा रहा है कि क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के हिसाब से धामी कैबिनेट का नया स्वरूप तय होगा। फेरबदल के दौरान विभागीय कामकाज को लेकर जांच को लेकर चर्चाओं में रहे एक और कैबिनेट मंत्री की विदाई हो सकती है। मंत्री पद की दौड़ में जो नाम तैर रहे हैं, उनमें हरिद्वार संसदीय क्षेत्र से मदन कौशिक, आदेश चौहान व विनोद चमोली प्रमुख हैं। अग्रवाल के इस्तीफे के बाद हरिद्वार लोस का प्रतिनिधित्व खाली हो जाएगा। टिहरी लोस से प्रतिनिधित्व घटा तो तीन प्रमुख नाम खजानदास, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव पुंडीर और उमेश शर्मा काऊ का नाम कतार में है। क्षेत्रीय संतुलन कसौटी पर इनमें से कोई एक नाम फिट हो सकता है। नैनीताल यूएसनगर लोस से विधायक अरविंद पांडेय व शिव अरोड़ा के नामों की चर्चा है। कायस यह भी हैं कि अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ से बिशन सिंह चुफाल की किस्मत खुल सकती है।

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