भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में देश के बेहतरीन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया। भारत के युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा हर साल बेहतरीन खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय खेल पुरस्कार दिए जाते हैं। मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, जिसका नाम महान भारतीय हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है, भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है, जिसके बाद अर्जुन पुरस्कार आता है।
ओलंपिक पदक जीतने वाली निशानेबाज मनु भाकर और शतरंज विश्व चैम्पियन डी. गुकेश भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरालिम्पिक स्वर्ण पदक विजेता ऊंचीकूद के खिलाड़ी प्रवीण कुमार को भी देश का सर्वोच्च खेल सम्मान प्रदान किया गया।
22 वर्ष की भाकर एक ही ओलंपिक में 2 पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली खिलाड़ी बनीं जिन्होंने पैरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। हरमनप्रीत टोक्यो और पैरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्य थे। पैरिस ओलंपिक में वह टीम के कप्तान भी थे। दूसरी ओर बाएं पैर में विकार के साथ पैदा हुए प्रवीण ने टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीता और पैरिस में उसे स्वर्ण में बदला।
18 बरस के गुकेश सबसे युवा विश्व चैम्पियन बने जिन्होंने पिछले महीने चीन के डिंग लिरेन को हराया। वह विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व चैम्पियनशिप जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। वह पिछले साल सितंबर में शतरंज ओलंपियाड में भारत की खिताबी जीत में भी सूत्रधार थे।
इस बार 32 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार दिए गए जिनमें से 17 पैरा एथलीट हैं। अर्जुन पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों में पैरिस ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान अमन सेहरावत, निशानबाज स्वप्निल कुसाले, सरबजीत सिंह और पुरूष हॉकी टीम के सदस्य जरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, संजय और अभिषेक शामिल हैं।
इस बार पैरा एथलीटों की संख्या पुरस्कार जीतने वालों में अधिक थी जिन्होंने पैरिस पैरालिम्पिक में 7 स्वर्ण और 9 रजत समेत 29 पदक जीते। राष्ट्रपति मुर्मू परंपरा से हटकर व्हीलचेयर पर निर्भर कुछ खिलाड़ियों जैसे प्रणव सूरमा के लिए खुद आगे चलकर आई। समारोह में सबसे भावुक पल था जब भारत के पहले पैरालिम्पिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर बैसाखियों के सहारे अर्जुन पुरस्कार (लाइफटाइम) लेने राष्ट्रपति तक पहुंचे।
80 बरस के युद्ध नायक पेटकर को 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में कमर के नीचे गीली लगी थी। वह मूल रूप से मुक्केबाज थे लेकिन बाद में पैरा तैराक बन गए। उन्होंने 1972 पैरालिम्पिक में स्वर्ण पदक जीता था। वह पुरस्कार लेने आए तो तालियां तब तक बजती रही जब तक वह वापिस अपनी सीट पर आकर नहीं बैठ गए।
पुरस्कार विजेताओं की सूची
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न: डी. गुकेश (शतरंज) हरमनप्रीत सिंह (हॉकी) प्रवीण कुमार (पैरा एथलेटिक्स) मनु भाकर (निशानेबाजी)।
अर्जुन पुरस्कार : ज्योति याराजी (एथलेटिक्स) अनु रानी (एथलेटिक्स) नीतू (मुक्केबाजी) स्वीटी (मुक्केबाजी) वंतिका अग्रवाल (शतरंज) सलीमा टेटे (हॉकी) अभिषेक (हॉकी) संजय (हॉकी) जरमनप्रीत सिंह (हॉकी) सुखजीत सिंह (हॉकी) राकेश कुमार (पैरा-तीरंदाजी) प्रीति पाल (पैरा-एथलेटिक्स) जीवांजी दीप्ति (पैरा एथलेटिक्स) अजीत सिंह (पैरा एथलेटिक्स) सचिन सरजेराव खिलारी (पैरा-एथलेटिक्स) धरमबीर (पैरा एथलेटिक्स) प्रणव सूरमा (पैरा-एथलेटिक्स) एच. होकाटो सेमा (पैरा एथलेटिक्स) सिमरन (पैरा-एथलेटिक्स) नवदीप (पैरा- एथलेटिक्स) नितेश कुमार (पैरा-बैडमिंटन) तुलसिमति मुरुगेसन (पैरा एथलेटिक्स) नित्या श्रे सुमति सिवन (पैरा बैडमिटन) मनीषा रामदास (पैरा-बैडमिंटन) कपिल परमार।
(पैरा-जुडो) मोना अग्रवाल (पैरा-निशानेबाजी) रुबीना फ्रांसिस (पैरा-निशानेबाजी) स्वप्निल सुरेश कुसाले (निशानेबाजी) सरबजीत सिंह (निशानेबाजी) अभय सिंह (स्क्वाश) साजनप्रकाश (तैराकी) अमन सहरावत (कुश्ती)। अर्जुन पुरस्कार (लाइफटाइम): सुच्चा सिंह (एथलेटिक्स) मुरलीकांत राजाराम पेटकर (पैरा-तैराकी)।
द्रोणाचार्य पुरस्कारः सुभाष राणा (पैरा-निशानेबाजी) दीपाली देशपांडे (निशानेबाजी) संदीप सांगवान (हॉकी)। द्रोणाचार्य पुरस्कार (लाइफटाइम): एस. मुरलीधरन (बैडमिंटन), अरमांडो एग्नेलो कोलाको (फुटबॉल)।
राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार – भारतीय शारीरिक शिक्षा फाउंडेशन
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों में सर्वश्रेष्ठ रही यूनिवर्सिटी के लिए मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी।
खेलरत्न पुरस्कार के साथ 25 लाख रुपए नकद जबकि अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार के साथ 15 लाख रुपए दिए जाते हैं।