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नैनीताल – अमृत सरावेर से जगमगाई विकास की रोशनी, पढ़िए ओखलकाण्डा के तोक चकसवाड में अमृत सरोवर की कहानी….

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नैनीताल जिले की ग्राम पंचायत अधौडा पहाडी क्षेत्र के किसानों को पानी की कमी के कारण सिंचाई हेतु वर्षाजल पर निर्भर रहना पड़ता है। मुख्य रूप से ग्राम पंचायत में रहने वाले परिवारों का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं मजदूरी कार्य है। परिवार की महिलाये स्वंय सहायता समूह से जुडी हैं सिंचाई हेतु जल की व्यवस्था नहीं होने के कारण परिवारों द्वारा अपनी कृषि भूमि को बंजर छोड दिया था एवं ग्राम पंचायत से पलायन कर रहे हैं। लेकिन अब चैकसवाड तोक में अमृत सरोवर बनने से ग्रामीण फिर से खेती किसानी की ओर लौटे हैं, अमृत सरोवर में मछली पालन की संभावनाओं को देखते हुए ग्रामीणों को विभाग द्वारा मत्सय बीज, आहार व मछली पालन की जानकारी भी दी जा रही है।

 

अधौडा विकास खण्ड ओखलकाण्डा मुख्यालय से 40 किमी0 की दूरी पर स्थित है रोड हैड से चैकसवाड तोक 400 मीटर पैदलमार्ग है जहां पर ग्राम पंचायत की 0.3 हेक्टेयर भूमि बंजर पडी हुई थी यहां पर सिंचाई की असुविधा होने के कारण ग्रामवासियों द्वारा उपजाऊ भूमि को बंजर छोड़ दिया गया है। मुख्य चुनौती रोड हैड से चैकसवाड तक सामग्री की आपूर्ति करना था एवं साथ ही मुख्य चुनौती सरोवर को समय से पूर्ण करना था।

मुख्य विकास अधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में स्वीकृत कार्य अमृत सरोवर को तैयार कर तकनीकी व प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त करने के उपरान्त सम्बन्धित ग्राम पंचायत में कार्य की मांग कर कार्य प्रारम्भ कराया गया एवं सम्बन्धित कर्मचारियों द्वारा समय से सामग्री आपूर्ति कराते हुए समय से कार्य को पूर्ण किया गया। सरोवर निर्माण हेतु मत्स्य विभाग द्वारा मछली के बीज दवाई व अन्य सामग्री ग्रामवासियों को उपलब्ध कराई गई। मत्स्य बीज के साथ ग्रामवासियों को मछली पालन की जानकारी भी दी।

 

गणतन्त्र दिवस के अवसर पर सरोवर में ग्राम पंचायत के वरिष्ठ नागरिक हरी दत्त द्वारा झण्डारोहण का कार्य किया गया जिसमें ग्राम पंचायत के लोग झण्डारोहण में शामिल हुए। सरोवर निर्माण होने के पश्चात मत्स्य विभाग द्वारा दो हजार मछली का बीज जिसमें सिलवर कार्क, कॉमनकार्क व ग्रासकार्क की प्रजाति सरोवर हेतु दिया जायेगा साथ ही मछली हेतु आहार व दवाई भी दी जायेगी एवं मछली पकडने का सामान व मजदूरी जिसकी अनुमानित लागत डेढ लाख रूपये है।

 

समूह एवं ग्रामवासियों द्वारा मछली उत्पादन कार्य किया जायेगा एवं उत्पादित मछली का 50 से 60 प्रतिशत जीवित रहती है तो लगभग दस हजार मछली का उत्पादन होगा जिसे प्रतिवर्ष 12 से 15 कुंतल मछली का उत्पादन होगा जिसे स्थानीय बाजार पतलोट, खनस्यू व हल्द्वानी मण्डी में बेचा जायेगा। जिससे कुल चार लाख पचास हजार रूपये की आय होगी जिस प्रकार प्रतिवर्ष अनुमानित तीन लाख का शुद्ध आय प्राप्त होगी जिससे ग्रामवासियों की आय में वृद्धि होगी। सरोवर के चारों तरफ फलदार वृक्ष लगाये गये हैं जिससे तीन से चार वर्ष पेड़ो द्वारा फल प्राप्त होंगे जिससे आय की वृद्धि होगी।

डॉ. तिवारी ने बताया कि ग्राम पंचायत अधौडा में निवास कर रहे परिवारों के सदस्यों द्वार अमृत सरोवर योजना को कारगर बताया गया है उनके द्वारा बंजर भूमि में पुनः कृषि का कार्य प्रारम्भ कर दिया है जिसमें मौसमी सब्जी शिमला मिर्च, बेगन, बीन, टमाटर, मटर हरी मिर्च आदि का उत्पादन कर स्थानीय बाजार पतलोट व खनस्यू में बेचा जा रहा है। भविष्य में मछली का उत्पादन कर आय में वृद्धि होगी एवं साथ ही वर्तमान में सब्जी उत्पादन से आय में वृद्धि देने से पलायन में रोक लगी है।