देहरादूनखास ख़बर

गंगा यमुना के उद्गम की धरती में आयोजित पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में लोकतंत्र की मजबूती के लिए व्यापक स्तर पर होगी चर्चा- लोकसभा अध्यक्ष

ख़बर को सुनें
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने देहरादून में आयोजित विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 79वें सम्मेलन उद्घाटन करते हुए कहा कि गंगा यमुना के उद्गम की धरती देवभूमि उत्तराखण्ड में आयोजित इस सम्मेलन में लोकतंत्र की मजबूती के लिए व्यापक स्तर पर चर्चा होगी। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव होते हैं। लोकतंत्र के प्रति देशवासियों का विश्वास बढ़ा है, जिसके परिणामस्वरूप 17वें लोकसभा चुनाव में 67.40 प्रतिशत मतदान हुआ। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि संसदीय सत्र में सभी सदस्यगणों को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिले।17वीं लोकसभा के गठन के बाद पहला सत्र 37 दिन तक चला, जिसमें 35 विधेयक पारित हुए। इस दौरान एक दिन भी संसद की कार्यवाही स्थगित नहीं हुई। प्रश्नकाल एवं शून्यकाल में सदस्यों के अधिकतम प्रश्नों को रखने का मौका दिया। पहली बार निर्वाचित होने वाले सदस्यों को सदन में अधिक से अधिक बोलने के लिए आग्रह किया।पहले सत्र में संसद की 125 प्रतिशत प्रोडक्टिविटी रही। दूसरे सत्र में भी सदस्यों को चर्चा करने के लिए पर्याप्त अवसर दिया गया, इस सत्र में भी 115 प्रतिशत प्रोडक्टिविटी रही।
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि देहरादून में आयोजित इस सम्मेलन में विधानसभा एवं लोकसभा के मन्दिरों को कैसे और अधिक मजबूत किया जा सकता है, इस पर व्यापक स्तर पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि देवभूमि के अन्दर जो दो दिवसीय चर्चा होगी, इसके आने वाले समय में अनेक सकारात्मक परिणाम होंगे। 2021 में इस सम्मेलन को 100 साल पूरे होंगे, जबकि 2022 में भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनायेगा। हमारा प्रयास है कि लोकतंत्र के इन मंदिरों में सभी की जनता के प्रति जवाबदेही हो। विधानसभा सदन अधिक से अधिक चले इसके लिए भी इस सम्मेलन में चर्चा होगी।हमारा प्रयास होगा कि जो भी लक्ष्य निर्धारित करें, वह अवश्य पूर्ण हो।

Related Articles

Back to top button