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न चाकू लगेगा और न पत्थर सैनिकों को अब, ये खास कपड़े पहन दुश्‍मन को देंगे मुंहतोड़ जवाब

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लड़ाई के दौरान चाकू और संगीन के प्रहार से सैनिक घायल नहीं होंगे। नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन ने सैनिकों को ऐसे प्रहार से बचाने के लिए खास तरह का कपड़ा बनाया है।

गाजियाबाद, जेएनएन। लड़ाई के दौरान चाकू और संगीनों के प्रहार से सैनिक घायल नहीं होंगे। नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन (निटरा) ने सैनिकों को ऐसे प्रहार से बचाने के लिए खास तरह का कपड़ा बनाया है। इस कपड़े से बनी वर्दी सैनिकों को दी जाए तो संगीन और चाकू फिसल जाएगा। जिससे किसी को चोट नहीं पहुंचेगी।

स्टैब रेजिस्टेंट टेक्सटाइल
कपड़ा इतना मजबूत होगा कि उस पर भी कट नहीं लगेगा। निटरा में आयोजित 58वीं संयुक्त प्रौद्योगिकीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में ऐसे ही प्रोटेक्टिव टेक्सटाइल के बारे में विस्तार से बताया गया। निटरा के वैज्ञानिकों ने बताया कि इस कपड़े को ‘स्टैब रेजिस्टेंट टेक्सटाइल’ का नाम दिया गया है।

जारी है परीक्षण कार्य
इसका परीक्षण कार्य जारी है। काफी हद तक इसमें सफलता प्राप्त हुई है। कार्यशाला में यह भी बताया कि सेना, अ‌र्द्धसैनिक बल और पुलिस और दमकल कर्मियों के लिए उपयोगी अग्नि रोधक कपड़ा भी तैयार कर लिया गया है। रेगिस्तान, सियाचिन समेत तमाम स्थानों पर सेना और अ‌र्द्धसैनिक बलों को टेंट में रहना पड़ता है।

नहीं लगेगी टेंट में आग
टेंट में आग लगने से सैनिकों को क्षति पहुंच सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए अग्नि रोधक कपड़े को विकसित किया गया है। अभी ट्रायल का दौर चल रहा है। इस कपड़े के टेंट बनाए जाएं तो आग नहीं लगेगी।

पत्‍थरबाजी से भी नहीं होगा नुकसान
इसके अलावा कट रेजिस्टेंट कपड़ा बनाया गया है, जिसे पत्थरबाजी के दौरान पहने जाने वाले उपकरणों पर चढ़ा दिया जाए तो उन्हें नुकसान नहीं पहुंचेगा। यह कपड़ा पत्थर की चोट से कटता नहीं है।

बताई नई तकनीक
संगोष्ठी में इसके अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर में उपयोग होने वाले टेक्सटाइल पर चर्चा की गई। निटरा के महानिदेशक डॉ. अरिंदम बासु ने भी टेक्सटाइल की नई किस्म और तकनीकों के बारे में बताया। निटरा की चार हिंदी किताबों का विमोचन भी हुआ। आइटीबीपी से डीएस नेगी, सेना से कर्नल कपिल तनेजा, आरएएफ से दिलीप चौधरी, भारतीय मानक ब्यूरो से जेके गुप्ता,समेत कई उद्यमियों ने इसमें हिस्सा लिया।

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