Home उत्तराखंड ग्लोबल हैंडवॉश दिवस: स्वच्छ हाथ, स्वस्थ जीवन का संदेश- ललित जोशी…

ग्लोबल हैंडवॉश दिवस: स्वच्छ हाथ, स्वस्थ जीवन का संदेश- ललित जोशी…

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ग्लोबल हैंडवॉश दिवस हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को हाथ धोने के महत्व के बारे में जागरूक करना है, खासकर स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए। इस दिन विभिन्न कार्यक्रम और अभियान चलाए जाते हैं, ताकि बच्चे और बड़े दोनों ही हाथ धोने की सही तकनीक और समय को समझ सकें। ग्लोबल हैंडवॉश दिवस पहली बार 15 अक्टूबर 2008 को मनाया गया। यह दिवस स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद करता है।

मंगलवार को सीआईएमएस कॉलेज ऑफ नर्सिंग में ग्लोबल हैंडवॉश दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया “सुरक्षित हाथ, स्वस्थ जीवन” की थीम पर छात्र-छात्राओं ने पोस्टर, नुक्कड़-नाटक व प्रस्तुतिकरण के माध्यम से हाथ धोने के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने कहा कि हाथ धोना एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय है, जो कई संक्रामक रोगों से बचाव करता है। वे बताते हैं कि सही तरीके से हाथ धोने से वायरस और बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों में हाथ धोने की आदत डालना बहुत जरूरी है, ताकि वे स्वस्थ रह सकें और बीमारियों से दूर रहें। इसके अलावा, समुदायों में जागरूकता फैलाने और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वच्छता केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय जोशी ने कहा कि यह दिवस हमें स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व की याद दिलाता है। हाथ धोना एक साधारण प्रक्रिया है, लेकिन इसके प्रभाव बेहद गहरे और महत्वपूर्ण हैं। हम जानते हैं कि रोजमर्रा की ज़िंदगी में हम कई चीज़ों को छूते हैं और हमारे हाथों पर नज़र न आने वाले कीटाणु और वायरस जमा हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के समय में भी लगातार सही तरीके से हाथ धोने की अपील की गई थी और यह बीमारी से बचाव में कारगर भी साबित हुआ। हमें सार्वजनिक स्थानों पर हाथ मिलाने की परम्परा के बजाय हाथ जोड़ने की परम्परा को विकसित करना चाहिए इनका ना केवल वैज्ञानिक पहलू है, बल्कि यह हमारी वैदिक परम्परा भी है। उन्होंने कहा कि कि यदि हम छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें, तो हम बड़ी बीमारियों से बच सकते हैं। यह सिर्फ हमारा व्यक्तिगत स्वास्थ्य नहीं है, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा का भी सवाल है। हम सबको मिलकर इस अभियान को सफल बनाना है और लोगों को जागरूक करना है कि स्वच्छता का पालन एक व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है। इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों की जमकर सराहना की।

कार्यक्रम में सीआईएमएस कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्या डॉ. बलजीत कौर, सीआईएमएस कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल की प्रधानाचार्या डॉ. चारू ठाकुर, उपप्रधानाचार्य रबीन्द्र कुमार झा, शिक्षक एवं कर्मचारीगण सहित नर्सिंग विभाग के 300 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।