ताजमहल में मुगल बादशाह शाहजहां का तीन दिवसीय उर्स दो से चार अप्रैल के बीच होगा। दो और तीन अप्रैल को दोपहर दो बजे के बाद और चार अप्रैल को पूरे दिन प्रवेश निशुल्क रहेगा। आखिरी दिन ही चादरपोशी की जाएगी।
शाहजहां का उर्स रजब की 25, 26, 27 तारीख को मनाया जाता है, जो अप्रैल में दो से चार तारीख तक है। उत्तर प्रदेश अमन कमेटी, शाहजहां उर्स कमेटी, खुद्दाम ए रोजा कमेटी की संयुक्त बैठक आठ मार्च को होगी, जिसमें व्यवस्थाएं तय करने के साथ जिम्मेदारी दी जाएंगी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने उर्स के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। दो अप्रैल को दो बजे गुस्ल की रस्म के साथ शाहजहां का उर्स शुरू हो जाएगा। शाहजहां और मुमताज की भूमिगत कक्ष वाली असली कब्रों को उसी समय खोला जाएगा।
पेश की जाएगी सतरंगी हिंदुस्तानी चादर
अजान और फातिहा के बाद ताज बंद होने के समय तक कव्वालियां होती रहेंगी। तीन अप्रैल को दोपहर दो बजे संदल चढ़ाया जाएगा। चार अप्रैल को सुबह कुल शरीफ के बाद कुरआनख्वानी और फातिहा पढ़ा जाएगा।
पूरे दिन चादरपोशी की जाएगी, जिसमें सतरंगी हिंदुस्तानी चादर भी पेश की जाएगी। शाम को ताज परिसर में लंगर बांटा जाएगा। उर्स के दौरान ताजमहल में दो और तीन अप्रैल को दोपहर दो बजे तथा चार अप्रैल को सुबह से शाम तक पर्यटकों का प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि उर्स में कोई झंडा, बैनर, पोस्टर, किताब, 36 इंच से बड़ा ढोल, बैंड बाजा, लाइटर, चाकू आदि चीजें नहीं जाएंगी। उर्स के दौरान आने वाले जायरीनों की सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं के लिए जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे।