फर्जी प्रमाण-पत्रों के सहारे नौकरी पाने वाला शिक्षक बर्खास्त, अल्मोड़ा में भी एक महिला शिक्षा मित्र का अंकपत्र जांच में फर्जी….

उत्तराखण्ड में फर्जी प्रमाण-पत्रों के सहारे नियुक्त पाने वाले शिक्षक लगातार सामने आ रहे हैं। फर्जी प्रमाण-पत्रों के सहारे नौकरी पाने वाले ऐसे कई शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है तो वहीं कई खिलाफ जांच जारी है। अब ऐसा ही एक मामला ऊधमसिंह नगर जनपद के जसपुर से सामने आया है, जहां अमान्य प्रमाण पत्रों से नियुक्ति पाने वाले शिक्षक कमल शर्मा को जांच के बाद डीईओ ने बर्खास्त कर दिया है। जबकि फर्जी अंकतालिकायें लगाकर नौकरी करने और वित्तीय अनियमितता के आरोप में दो शिक्षकों संजय कुमार और रविकांत को निलंबित कर दिया है।
वहीं ऐसा ही एक मामला अल्मोड़ा जनपद से भी पकड़ में आया है, यहां शिक्षा मित्र के पद पर तैनात एक महिला शिक्षिका के स्नातक का अंकपत्र जांच में फर्जी पाया गया है। विभाग ने महिला शिक्षा मित्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शिक्षा विभाग की ओर से विकास खंड चौखुटिया के राजकीय प्राथमिक विद्यालय पालंगवाड़ी में तैनात एक महिला शिक्षा मित्र के स्नातक अंतिम वर्ष का अंकपत्र जांच के लिए ‘दि ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी, नागालैंड’ को भेजा गया था। जांच के दौरान महिला शिक्षा मित्र का अंकपत्र व रजिस्ट्रेशन दोनों फर्जी पाए गए है। विभाग ने महिला शिक्षा मित्र को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए है।
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारंभिक हरीश रौतेला ने बताया कि महिला शिक्षा मित्र को अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। अगर शिक्षिका द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो विभागीय नियमों के अनुसार उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
स्टूडेंट्स गार्जियन टीचर वेलफेयर कमेटी की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य के सरकारी स्कूलों में कई शिक्षकों ने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति पाई है। एसआईटी ने 2018 में इसकी जांच की थी। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जिले में प्रारंभिक शिक्षा में तैनात 2556 शिक्षकों के 12,396 प्रमाणपत्रों की जांच होनी है। जिसमें करीब 7 हजार से अधिक प्रमाणपत्रों की जांच हो चुकी है। जबकि शेष प्रमाणपत्र विभाग द्वारा जांच के लिए संबंधित संस्थानों को भेजे गए है।