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देवभूमि के वीर सपूत पर महबूबा मुफ्ती ने लगाए आरोप, अलगाववादियों ने भी दिया साथ

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हाल ही में बैंकों द्वारा दिए गए ईएमवी चिप वाले डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड भी सुरक्षित नहीं हैं। इसे लेकर भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सभी ग्राहकों को अलर्ट किया है। एसबीआई ने ग्राहकों को ई-मेल भेजकर सचेत रहने को कहा है।

कश्मीर में अलगाववादियों के लिए खौफ का सबब बने देहरादून के मेजर रोहित शुक्ला के खिलाफ कश्मीर घाटी में लामबंदी की जा रही है। देश के इस वीर सपूत को घेरने के लिए कथित मानवाधिकार संगठन और अलगाववादी सियासतदानों का सहारा ले रहे हैं। मेजर शुक्ला पर तौसीफ नाम के युवक को बेरहमी से पीटने का आरोप लगा है। इस संबंध में पीडीपी अध्यक्ष और महबूबा मुफ्ती ने ये तक कह दिया कि मेजर शुक्ला कश्मीर में रहने वाले लड़कों पर ज्यादती कर रहा है। इसे बहादुरी नहीं कहते। हालांकि देश के इस सच्चे सपूत को देशवासियों को खूब समर्थन मिल रहा है, यही वजह है कि अलगाववादियों की साजिशें कामयाब नहीं हो रही। मेजर रोहित शुक्ला आतंकवादियों के खिलाफ 52 ऑपरेशन में हिस्सा ले चुके हैं। उनकी क्विक एक्शन टीम घाटी में आतंकियों के किले ढहाने के लिए जानी जाती है।

अब मेजर रोहित शुक्ला का ये अंदाज सियासी दलों को भी परेशान कर रहा है, यही वजह है कि वो एक युवक की पिटाई के मुद्दे को तूल दे रहे हैं। कश्मीर में अलगाववादी और कथित मानवाधिकार आयोग के झंडाबरदार अब मेजर रोहित शुक्ला पर निशाना साध रहे हैं। उधर महबूबा मुफ्ती का कहना है कि मेजर रोहित युवाओं पर ज्यादती कर रहे हैं। जिस वीर सपूत के किस्से देशवासियों की जुबां पर हैं, उसके खिलाफ बयानबाजी की जा रही है। हालांकि देश के इस लाल को लोगों का खूब समर्थन मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी कहा है कि सेना कोई ज्यादती नहीं करती। राज्यपाल मलिक ने महबूबा मुफ्ती के बयान को एक चुनावी स्टंट बताते हुए कहा है कि महबूबा मुफ्ती इसी तरह के विवादित बयानों के बाद सत्ता में वापस आई थीं।

मेजर रोहित शुक्ला का जन्म उत्तराखंड के देहरादून में हुआ। उनका परिवार मूल रूप से कानपुर का रहने वाला है। मेजर रोहित के पिता ज्ञानचंद्र शुक्ला और मां विजयलक्ष्मी शुक्ला अधिवक्ता हैं। मेजर रोहित बचपन से ही देश सेवा का सपना देखते थे। साल 2005 में एनडीए की परीक्षा के बाद उन्हें देश सेवा का मौका मिल गया। साल 2017 में उन्हें कश्मीर में पोस्टिंग मिली तो उन्होंने आतंकियों का सफाया करना शुरू कर दिया। पिछले दो साल से उन्हें लगातार वीरता के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है। साल 2018 में उन्हें शौर्य चक्र मिला, जबकि इस साल सेना मेडल से नवाजा गया। मेजर रोहित शुक्ला ने पिछले साल बुरहान वानी के बाद आतंकियों के पोस्टर ब्वॉय बने समीर टाइगर को मुठभेड़ में मार गिराया था। आतंकियों के खिलाफ वो कई सफल ऑपरेशन कर चुके हैं।