वर्ष 2013 में दून के सबसे बॉटलनेक (घंटाघर से प्रभात सिनेमा तक) को खोल दिया गया था और इसके बाद दूसरे बड़े बॉटलनेक आढ़त बाजार रोड (गांधी रोड का हिस्सा) को खोलने की कवायद भी शुरू कर दी गई थी। वर्ष 2014 को दून की सड़कों पर पसरे अतिक्रमण को हटाने के लिए अधिवक्ता राजीव शर्मा ‘बंटू’ को हाईकोर्ट ने कोर्ट किमिश्नर बनाया, तब भी यहां अतिक्रमण हटाया गया।
इसके बाद वर्ष 2017 में मॉडल रोड (घंटाघर से आइएसबीटी) तक पर चले अभियान व पिछले साल हाईकोर्ट पर चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत भी गांधी रोड के इस हिस्से को खोलने की कवायद की गई। काफी हद तक आढ़त बाजार क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया भी गया। हालांकि, इसके बाद भी यह हिस्सा अभी बॉटलनेक बना है। इस सड़क को और अधिक चौड़ा इसलिए भी नहीं किया जा सकता, क्योंकि अब कारोबारियों की निजी भूमि ही शेष है।
हालांकि, देहरादून स्मार्ट सिटी लि. कंपनी आढ़त बाजार क्षेत्र में सड़क को 22 से 24 मीटर तक चौड़ा करने की योजना पर काम कर रही है। अभी यह सड़क 16 मीटर तक चौड़ी है। शेष भाग की चौड़ाई जमीन अधिग्रहण के माध्यम से पूरी की जाएगी। इसके लिए दोनों तरफ तीन-तीन या चार-चार मीटर चौड़ाई में निजी भूमि की जरूरत पड़ेगी। जमीन अधिग्रहण को लेकर स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारियों व कारोबारियों के बीच एक दौर की वार्ता भी हो चुकी है।
स्मार्ट रोड परियोजना का सर्वे शुरू
227.99 करोड़ रुपये की स्मार्ट रोड परियोजना के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी ने सोमवार से सर्वे शुरू कर दिया है। कंपनी के सीईओ डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को गांधी रोड पर आढ़त बाजार क्षेत्र से सर्वे किया गया। साथ ही अन्य सड़कों का भी सर्वे इसके बाद किया गया। आढ़त बाजार में देखा जा रहा है कि यहां यातायात के दबाव के लिहाज से सड़क को कितना चौड़ा करने के जरूरत है। साथ ही चौड़ीकरण को कितनी निजी भूमि की जरूरत पड़ेगी। जब जमीन अधिग्रहण की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, तब आढ़त बाजार क्षेत्र के कारोबारियों के साथ निर्णायक स्तर पर वार्ता की जाएगी।
इसी सप्ताह होगा शिलान्यास
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट रोड समेत स्मार्ट सिटी के अन्य प्रस्तावित कार्यों का इसी सप्ताह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हाथों शिलान्यास कराया जाएगा। इसके तुरंत बाद धरातल पर भी निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे। तब तक राजपुर रोड व परेड ग्राउंड परियोजना का भी सर्वे पूरा कर दिया जाएगा
सीईओ डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि स्मार्ट रोड परियोजना के तहत जब सड़कों को चौड़ा करने का काम शुरू किया जाएगा तो उससे लोगों को परेशानी भी होगी। क्योंकि काम उसी सड़क पर किया जाना है, जहां से वाहन गुजरते हैं। हालांकि, फिर भी लोगों की सुविधा का ख्याल रखने के भरसक प्रयास किए जाएंगे और इसके लिए तीन समितियों का गठन किया गया है।
यह कार्य स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के तहत किया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से स्टीयरिंग कमेटी बनाई गई है, जो नीतिगत निर्णय लेनी। इसके अलावा समन्वय समिति, जो कि कार्यस्थल पर क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों के बीच सामंजस्य बनाने का काम करेगी और तीसरी समिति एसओपी के रूप में लोगों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण करेगी।
- 227.99 करोड़ रुपये की इस परियोजना में मार्गों के दोनों तरफ मल्टी यूटिलिटी सर्विस डक्ट बनाई जाएगी। साथ ही इसमें धुएं को पकडऩे वाले सेंसर लगे होंगे। ताकि आग की किसी भी घटना पर तुरंत काबू पाया जा सके।
- सर्विस डक्ट में बिजली, टेलीफोन, पेयजल लाइनें आदि को डाला जाएगा। जिससे सड़कों को बार-बार खोदने की जरूरत नहीं पड़ेगी और सड़कों की उम्र भी बढ़ेगी। परियोजना में शामिल सड़कों पर 30 साल की जरूरत के हिसाब से सीवर लाइनें भी बिछाई जाएगी। परियोजना में सड़कों की तीन साल की मरम्मत का बजट भी शामिल किया गया है।
- हरिद्वार रोड (प्रिंस चौक से आराघर चौक), लंबाई 1.5 किमी
- ईसी रोड (आराघर से बहल चौक), लंबाई 2.9 किमी
- राजपुर रोड (घंटाघर से दिलाराम चौक), लंबाई 1.8 किमी
- चकराता रोड (घंटाघर से किशननगर चौक), लंबाई 1.9 किमी
- गांधी रोड, (घंटाघर से सहारनपुर चौक)
- लंबाई, 02 किमी
- कुल लंबाई, 10.1 किलोमीटर।