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एनबीसीसी को मिला रिस्पना और बिंदाल नदी की सूरत संवारने का जिम्मा…

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एमडीडीए की 97वीं बोर्ड बैठक में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) का चयन कर लिया गया है।गंदगी से मरणासन्न हालत में पहुंच चुकी रिस्पना व बिंदाल नदी की सूरत संवारने की जो कवायद वर्ष 2010 से चल रही है, उसके अब जाकर धरातल में उतरने की उम्मीद बढ़ी है।

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की 97वीं बोर्ड बैठक में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) का चयन कर लिया गया है। इसका प्रस्ताव पास कर शासन को भेजा जाएगा और चंद दिनों के भीतर इस पर मुहर लगते ही एनबीसीसी पालयट प्रोजेक्ट के रूप में रिस्पना व बिंदाल नदी के 3.4 किलोमीटर हिस्से का कायाकल्प करने का काम शुरू कर देगी।

एमडीडीए के उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर करीब 750 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। अच्छी बात यह है कि यह पूरा खर्च एनबीसी स्वयं वहन करेगी। केंद्र सरकार का यह उपक्रम बीओटी (बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मोड में काम करेगा। जब परियोजना की डीपीआर बन जाएगी, उसके बाद तय किया जाएगा कि कंपनी को कितने साल के लिए परियोजना के संचालन की जिम्मेदारी देनी है। इसके साथ ही अगले चरण में दोनों नदी के पूरे 36 किलोमीटर के दोनों किनारों पर विकास कार्य किए जाएंगे।

रिस्पना नदी: धोरण पुल से बाला सुंदरी मंदिर के निकटवर्ती पुल तक 1.2 किलोमीटर भाग।

बिंदाल नदी: हरिद्वार बाईपास पर बने पुल से चांचक पुल तक 2.2 किलोमीटर भाग।

चयनित क्षेत्र में दोनों किनारों को विकसित किया जाएगा और सड़क का निर्माण किया जाएगा। नदी में गिर रही गंदगी को टेप किया जाएगा। साथ ही हरियाली क्षेत्र विकसित कर साइकल ट्रैक, फुटपाथ, रिटेनिंग वॉल, चैक डैम, वर्षा जल निकासी की व्यवस्था, आवासीय व कमर्शियल परियोजना निर्माण, पुल निर्माण, मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, थीम पार्क आदि के काम किए जाएंगे।

 

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