प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है, प्रदेश में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 हजार पार पहुंच गई है। कई स्थानों पर एक साथ बढ़ी संख्या में मरीज मिल रहे हैं। इससे सामुदायिक संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। बढ़ते मामलों को देखते हुए अब घनी आबादी और ज्यादा लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों की जांच पर फोकस किया जा रहा है। खतरे को कम करने के लिए अब सरकार ने सैंम्पलिंग की रणनीति में बदलाव का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि अब भीड़भाड़ वाले स्थानों, स्लम एरिया के साथ ही उन लोगों की टेस्टिंग बढाई जा रही है, जो अधिक लोगों के संपर्क में आते हैं। फल सब्जी विक्रेताओं के साथ अलग- अलग जगह काम पर जाने वाले मरीजों पर भी फोकस किया जाएगा।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि सरकार जांच का दायरा बढ़ाने जा रही है, इसके लिए दून, हल्द्वानी और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में अभी 5 हजार के करीब सैंपल की जांच की जा रही है, लेकिन अगस्त अंत तक 5 हजार से अधिक मामले की जांच दून, श्रीनगर और हल्द्वानी में होगी उन्होंने बताया कि 1 दिन में जांच की संख्या 8 से 10 हजार तक करने का लक्ष्य रखा गया है।
वहीं कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 हजार से अधिक होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमें 10 हजार से अधिक मामले हो चुके हैं यह कहकर लोगों में भय नहीं फैलाना है, बल्कि कितने लोग ठीक हो चुके हैं इस बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज कुल संक्रमितों की संख्या 10 हजार के पार जरूर हुई है, लेकिन कुल एक्टिव केसों की संख्या 3500 से अधिक है। मास्क न पहनने वालों पर जुर्माना लगाने के मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य दण्डित करना नहीं है, बल्कि लोगों को कोविड से बचाना है।
उन्होंने कहा कि कई बार जल्दबाजी में घर से मास्क लगाना भूल जाते हैं और फिर हमने उससे जुर्माना वसूल लिया जिसके बाद वह पूरे दिन बिना मास्क के घूमता रहेगा, जो कि हमारा उद्देश्य नहीं है, हमारा उद्देश्य मास्क पहनाना है इसलिए निर्देश दिए गए हैं कि जो बिना मास्क के मिले उस पर जुर्माना लगाने के साथ उसे मास्क भी दीजिए।