
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को कालाढूंगी में सीएए के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी को बुझदिल और कमजोर प्रधानमंत्री बताया था।मुख्यमंत्री के इस बयान की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश कड़ी निंदा की है।उन्होंने मुख्यमंत्री की इस भाषा को अमर्यादित करार देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बन जाना ही सबकुछ नहीं होता, संसदीय मर्यादाओं और परंपरा का ज्ञान होना भी आवश्यक है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने इस बयान पर देश से माफी मांगनी चाहिए, जिस प्रधानमंत्री ने देश के लिए अपनी जान दे दी हो उसके लिए कमजोर और बुझदिल भाषा का प्रयोग करना पूरी तरह संसदीय मर्यादा के खिलाफ और अमर्यादित है,इस बात से मुख्यमंत्री की मानसिकता का पता चलता है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने शाहबानो द्वारा सुप्रीम कोर्ट से तीन तलाक केस जीतने को संसद द्वारा पलटे जाने का जिक्र करते हुए कहा था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने संसद में इस फैसले को पलटकर कमजोर और बुझदिली का परिचय देते हुए तुष्टीकरण की राजनीति की थी।मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी सहित विपक्ष पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा था कि राहुल गांधी सहित सीएए का विरोध कर रहे सभी विपक्षी दल शेर की खाल में छुपे भेड़िए हैं, इन्हें पहचानने की जरूरत है यह देश में माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं।