नैनीताल जिलाधिकारी सविन बंसल के प्रयासों से आम जनमानस को सभी प्रकार की जैनरिक दवाऐं कम दामों पर उपलब्ध होंगी। ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अण्डरटेकिंग ऑफ इण्डिया (बीपीपीआई) ने डाॅ.सुशीला तिवारी चिकित्सालय में स्वयं जन औषधि केन्द्र संचालन की स्वीकृति दी है। अब अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह से इसका संचालन होगा। जिलाधिकारी ने सीईओ बीपीपीआई को चार माह पूर्व सुशीला तिवारी चिकित्सालय हल्द्वानी में स्वंय प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र के संचालन हेतु पत्र प्रेषित किया था, साथ ही लगातार उनसे दूरभाष पर वार्ता भी की।
जिलाधिकारी ने सीइओ को बताया कि हल्द्वानी कुमाऊॅ का प्रवेश द्वार है। यहां पहाड़ी जनपदों बागेश्वर, अल्मोड़ा, चमावत, पिथौरागढ़ से भी मरीज उपचार हेतु आते हैं। इसलिए डाॅ. सुशीला तिवारी चिकित्सालय में बीपीपीआई के माध्यम से जन औषधि केन्द्र संचालित करने का अनुरोध किया। जिसे बीपीपीआई द्वारा स्वीकृति प्रदान की व अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह से संचालित होगा।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि बीपीपीआई द्वारा संचालित यह प्रदेश का प्रथम व देश का चौथा जन औषधि केन्द्र होगा। जिसे एक आदर्श जन औषधि केन्द्र के रूप में संचालित किया जायेगा। जिलाधिकारी द्वारा बीपीपीआई व चिकित्सालय के मध्य एमओयू करा दिया गया है, इसके साथ ही ड्रग लाईसेंस व कक्ष आवंटन भी करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बीपीपीआई द्वारा संचालित जन औषधि केन्द्र में सभी दवाईयाॅ काफी कम दाम पर उपलब्ध होंगी, क्योंकि इसमें बीपीपीआई स्वयं नियंत्रक संस्था व औषधि केन्द्र की संचालक होने के कारण इसमें बिचोलियों (अन्य एजेन्सियों) की भूमिका नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि बीपीपीआई की गाइडलाइन व निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा जनपद के बेस चिकित्सालय हल्द्वानी, महिला चिकित्सालय हल्द्वानी, बीडी पाण्डे चिकित्सालय नैनीताल व रामनगर चिकित्सालय में भी शीघ्र जन औषधि केन्द्र संचालित किये जायेंगे, जिसकी कवायद जारी है। जिलाधिकारी ने गत वर्ष जिला रेडक्राॅस द्वारा संचालित जन औषधि केन्द्रों में वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितता के चलते जन औषधि केन्द्र संचालन निरस्त करते हुए शासन से स्पेशल ऑडिट कराया।
उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य है कि जनता को सस्ती एवं सभी प्रकार की दवाईयाॅ उपलब्ध हों, जिससे गरीब आम जनता को लाभ मिले। इसलिए बीपीपीआई से डाॅ.सुशीला तिवारी चिकित्सालय में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र खोलने का आग्रह किया, जिसे बीपीपीआई ने अपनी स्वीकृति दी। उन्होंने कहा कि सुशीला तिवारी चिकित्सालय में सबसे ज्यादा मरीज उपचार हेतु आते हैं, इसलिए प्रथम चरण में सुशीला तिवारी चिकित्सालय में जन औषधि केन्द्र का संचालन किया जा रहा है।