देहरादून : प्रदेश में बेरोजगारों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे पदों पर जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ चयन सेवा आयोग और विभागों के बीच समन्वय बनाने और समयबद्ध भर्ती कराने के लिए भर्ती कैलेंडर बनाने के निर्देश दिए। कार्मिक विभाग नियमित रूप से इस कैलेंडर का परीक्षण करेगा। बैठक में यह बात सामने आई कि विभागों में डीपीसी न होने का एक बड़ा कारण कर्मचारियों की वार्षिक चरित्र पंजिका (एसीआर) का समय से पूरा न होना है। इस पर मुख्यमंत्री ने समय से कर्मचारियों की एसीआर न लिखने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के भी निर्देश दिए।
बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में प्रदेश के सरकारी महकमों में रिक्त चल रहे पदों पर भर्ती प्रक्रिया की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया विवाद रहित और पारदर्शिता के साथ की जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कहा कि आयोग को भेजे जाने वाले अधियाचन व सेवा नियमावली स्पष्ट रखी जाएं ताकि मामले न्यायालय में न जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दस प्रतिशत आर्थिक आरक्षण को शामिल करने के लिए विभागों को जो अधियाचन वापस भेजे गए हैं, उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आवश्यक कार्यवाही की जाए। लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेनि) आनंद सिंह रावत ने बताया कि आयोग स्तर पर 852 पदों पर भर्ती प्रक्रिया और 3080 पदों पर डीपीसी की प्रक्रिया चल रही है। 883 पदों पर आवश्यक संशोधन के लिए विभागों को वापस भेजा गया है।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने कहा कि आयोग ने 3177 पद अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के माध्यम से भरने के लिए चिह्नित किए हैं। इनमें 2564 पद तकनीकी अर्हता व 613 पद गैर तकनीकी अर्हता के हैं। अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने कहा कि अभी तक कुल 32 विभागों ने रिक्त पदों के संबंध में जानकारी दी है। इन विभागों में लगभग 18 हजार पद रिक्त हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने इन पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू कराने के निर्देश दिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव शैलेश बगोली, नीतेश झा, डॉ. भूपिंदर कौर औलख, हरबंस सिंह चुघ, सुशील कुमार, लोक सेवा आयोग के सचिव राजेंद्र कुमार और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।