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देहरादून : अजय कुमार की मेहनत से देश में बना बड़ा कानून, अब आपका बच्चा रहेगा सुरक्षित

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आपने अक्सर देखा होगा कि बच्चों के लिए बने चिप्स, चॉकलेट्स के पैकेट में छोटे-छोटे खिलौने होते हैं। बच्चे इन खिलौनों के लिए ही स्नैक्स खरीदते हैं, पर कई बार ये खिलौने बच्चों की जान आफत में डाल देते हैं। कई बार तो इनके गले में फंसने की वजह से बच्चों की मौत भी हो चुकी है। अब इन खिलौनों की खाद्य पदार्थों के पैकेट में बिक्री पर रोक के लिए बड़ा कानून बन गया है। और ये कानून बनवाने में जिस युवा का सबसे अहम योगदान रहा, वो हैं देहरादून के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता अजय कुमार। अजय कुमार की कोशिशों का ही नतीजा है कि पीएमओ का ध्यान इस गंभीर समस्या पर गया। पीएमओ ने एफएसएसएआई को तुरंत निर्देश दिए, जिसके बाद एफएसएसएआई ने खाद्य पदार्थों के पैकेटों में आने वाले प्लास्टिक के खिलौनों को अनसेफ फूड माना। इसमें छह महीने से लेकर आजीवन कैद और 1 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 22 जुलाई को सभी प्रदेशों के खाद्य आयुक्तों को आदेश भी दे दिए गए।

जो आदेश जारी हुए हैं, उनमें साफ कह गया है कि जिन फूड प्रोजक्ट के पैकेट में प्लास्टिक के खिलौने मिलें, उन्हें अनसेफ फूज माना जाए। ऐसे प्रोडक्ट्स की बिक्री पर कार्रवाई की जाए। ये बेहद गंभीर विषय है, और अगर अजय ने इस मामले में पीएमओ को चिट्ठी नहीं लिखी होती तो शायद इस मामले में कभी एक्शन नहीं लिया जाता। बता दें कि कुछ समय पहले आंध्र प्रदेश के गोदवरी जिले के इलुरानगर में एक 4 साल के बच्चे की ऐसे ही एक खिलौने को निगलने की वजह से मौत हो गई थी। इस घटना ने अजय कुमार को भीतर तक झकझोर दिया और उन्होंने इस मामले में कुछ करने की ठान ली। 13 नवंबर 2017 को अजय ने पीएमओ को लेटर लिखा। जिसके बाद 4 जनवरी 2018 को पीएमओ ने एफएसएसएआई को मामले की जांच के निर्देश दिए। पीएमओ के निर्देश पर खिलौने वाले फूड प्रोडक्ट को अनसेफ फूड की कैटेगरी में शामिल किया गया है। ऐसे फूड प्रोडक्ट बेचने वालों के खिलाफ अब कार्रवाई की जाएगी।