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शीतकालीन अवकाश खत्म करने के आदेश से खफा शिक्षक, सोशल मीडिया पर भी जमकर हो रहा विरोध।

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कोरोना संकट के चलते छात्र- छात्राओं की पढ़ाई को हुए नुकसान को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बडा फैसला लेते हुए बोर्ड परीक्षाओं की कक्षाओं के लिए स्कूलों में शीतकालीन अवकाश खत्म कर दिए हैं। शिक्षा सचिव ने हालांकि इस संबंध में पहले ही संकेत दे दिए थे जिसके बाद 24 दिसंबर को इसके लिखित आदेश जारी कर दिए गए। शीतकालीन अवकाश खत्म करने के आदेश जारी होने के बाद शिक्षक सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। राजकीय शिक्षक संघ ने अब मामले पर शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है। हालांकि शिक्षा मंत्री भी पहले ही शिक्षकों से राष्ट्रहित में शिक्षण कार्य जारी रखने की अपील कर चुके हैं। शिक्षा मंत्री की अपील का शिक्षक संघ ने स्वागत किया था लेकिन अवकाश को लेकर कुछ तर्क भी दिए थे।

लेकिन शिक्षकों के सुझावों को दरकिनार करते हुए गुरूवार को शिक्षा सचिव द्वारा शीतकालीन अवकाश खत्म करने के आदेश जारी कर दिए गए जिसको लेकर राजकीय शिक्षक संगठन इस फैसले के विरोध कर रहा है, राजकीय शिक्षक संघ के महामंत्री सोहन सिंह माजिला ने कहा है कि अवकाश शिक्षकों का अधिकार है और इससे छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए और इस फैसले को निरस्त करने के लिए संघ अध्यक्ष के साथ शिक्षा मंत्री से मुलाकात की जाएगी। उनका कहना है कि यदि शिक्षकों के अवकाश खत्म करना उद्देश्य है तो फिर हमेशा के लिए ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश खत्म किए जाएं। और यदि ऐसा नहीं किया जाता कल जारी हुए आदेश वापस लिए जाएं। शीतकालीन अवकाश खत्म करने के आदेश का सोशल मीडिया पर शिक्षकों द्वारा खासा विरोध किया जा रहा है।

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