
उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ भारी बारिश के कारण आई आपदा ने यहां के लोगों को गहरे जख्म दिए हैं। आपदा से मकान तो क्षतिग्रस्त हुए ही यहां पहुंचने वाले पैदल मार्ग व सड़कें भी ध्वस्त हो चुकी हैं। मुनस्यारी व बंगापानी के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में पेयजल संकट भी उत्पन्न हो चुका है। पेयजल आपूर्ति ठप रहने से आपदा प्रभावित आबादी गधेरों का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
आपदा प्रभावित मुनस्यारी व बंगापानी में 30 से अधिक पेयजल योजनाएं आपदा की भेंट चढ़ चुकी हैं। जिसमें मोरी, लुमती, घुरूड़ी, भदेली, जाराबिजली, मवानी दवानी, मदकोट, मल्ला घोरपट्टा, धामीकुड़ा, जैंती, सरमोली, दराती, धपुवा सहित कई गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप है। पेयजल स्त्रोत मलबे से पटे हैं, नलों में पानी न आने से लोग कई किमी दूर जाकर गधेरों से पानी ढोकर अपनी जरूरत पूरी कर रहे हैं। बदहाल रास्तों, दरकती जमीन के बीच उन्हें गधेरों व नदियों की दौड़ लगानी पड़ रही है। आपदा की मार के चलते बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए और अधिक जोखिम उठाना पड़ रहा है। न्यूज एजेंसी एनआई ने आपदाग्रस्त क्षेत्र के एक गांव का वीडियो ट्वीट किया है जिसमें गांव के लोग एक 80 वर्षीय बीमार महिला को पालकी में बिठाकर दुर्गम रास्तों से अस्पताल ले जा रहे हैं।
#WATCH उत्तराखंड: पिथौरागढ़ के एक गांव में रास्ते खराब होने की वजह से गांव के लोग एक 80वर्षीय बीमार महिला को पालकी में बिठाकर पैदल अस्पताल ले जाते हुए। pic.twitter.com/7C7KPeB49e
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 3, 2020