प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी को हालांकि प्रकृति ने अपनी खूब नेमतें बख्शी हैं। लेकिन नगर के बीचों बीच देवदार के वृक्ष पर फैली बोगेनबेलिया की बेल इन नेमतों के बीच पर्यटकों को अपनी ओर बरबस आकर्षित करती थी। हर साल यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक यहां आकर देवदार और बोगेनबेलिया के इस अद्भुत संगम का दर्शन करना नहीं भूलते थे।
जिला मुख्यालय में दशकों से आसमान छूती बोगेनबेलिया की लता (वुडी क्लांबर)प्रजाति का यह 50 फिट से अधिक ऊंचा पुष्प पेड़ पर्यटकों का खासा आकर्षण का केन्द्र था। मजेदार बात यह है कि ठीक पर्यटन सीजन अप्रैल से जून माह तथा जब शीतकाल में फूलों की कमी हो जाती है तब अक्टूबर से दिसंबर के मध्य यह अपनी छटा बिखेर कर लोगों को बरबस अपनी ओर आकृर्षित करता था। हजारों फूलों से लदकर यह पर्यटकों को बरबस अपनी ओर लुभाता था। बोगेनबेलिया मलेशिया व ताइवान का राजकीय पुष्प है। भारत, पाकिस्तान,श्रीलंका, आस्ट्रेलिया आदि देशों में इसको सजावटी लता के रूप में लगाया जाता है। सांस्कृतिक नगरी के प्रधान डाकघर के समीप पं. गोविन्द बल्लभ पंत पार्क में लगी बेल के बारे में बताते हैं कि यह बेल अंग्रेजों के शासन से पूर्व से रही है।