
प्रदेश में 26 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। 26 व 27 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम और 29 व 30 अप्रैल को केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। सरकार के सामने बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खोलने को लेकर स्थिति अस्पष्ट है। क्योंकि केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंगम इन दिनों नांदेड़ महाराष्ट्र में हैं। वहीं बद्रीनाथ धाम के रावल नंबूदरी केरल में मौजूद है। व्यवस्थाओं के अनुसार कपाट बंद होने के दौरान दोनों ही धाम के रावल धर्म के प्रचार के लिए देशभर में भ्रमण करते हैं। ऐसे में इन लोगों का केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम पहुंचना फिलहाल मुश्किल नजर आ रहा है।
हालांकि राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से सड़क मार्ग से इन्हें भेजने पर चर्चा की है। लेकिन उत्तराखंड पहुंचने के बाद नियमों के तहत इन्हें 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाएगा ऐसे में कपाट खोलने की प्रक्रिया में यह लोग कैसे मौजूद रह सकते हैं। वहीं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने 400 साल के इतिहास में इसके लिए व्यवस्था होने का भी जिक्र किया है, इस मामले में मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहितों से चर्चा के बाद सरकार फैसला लेगी। बदरीनाथ के कपाट खोलने के लिए सरकार टिहरी राजपरिवार से संपर्क साध रही है।
गंगोत्री और यमनोत्री धाम के कपाट स्थानीय पुजारी ही पूजा कर खोलते हैं, लेकिन बदरीनाथ और केदारनाथ में रावल (मुख्य पुजारी) दूसरे राज्योें से आते हैं। ऐसे में उनको समय से प्रदेश में लाना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है।
ऐसे में सरकार तीन विकल्प लेकर चल रही है। यह हैं विकल्प-
केंद्रीय गृहमंत्रालय और केरल सरकार को पत्र भेजें कि चौपहिया वाहन से रावल को उत्तराखंड आने की अनुमति दी जाए।
कपाट खोलने के लिए रावल नहीं पहुंचते तो केदारनाथ धाम में उनके बदले स्थानीय पुजारी से पूजा अर्चना करवाई जाए।
बदरीनाथ धाम में टिहरी राजघराने को विशेष अधिकार है कि वह कपाट खोलने की तिथि बढ़ा सकता है या फिर किसी अन्य को कपाट खोलने के लिए नामित कर सकता है।
पुराने दस्तावेजों का किया अध्ययन
सरकार ने बीकेटीसी के नियमों और दोनों धामों बदरी और केदार के पुराने दस्तावेजों का अध्ययन किया है। पिछली तीन से चार सदियों में तीन बार ऐसा हो चुका है कि रावल नहीं आने पर स्थानीय पुजारी कपाट खोलने के पूजन कार्य कर चुके हैं। मंत्रिपरिषद ने दोनों धामों के रावल समय से बुलाने के लिए केंद्र और संबंधित राज्य सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिख दिया है।