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रोड़वेज बस खरीद में भ्रष्टाचार, विपक्ष के सरकार पर आरोप

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उत्तराखण्ड़ परिवहन निगम द्वारा खरीदी गई नई बसों के गीयर टूटनेे के कारण निगम की ये सभी गाडियां विभिन्न डिपो में खड़ी हैं। रोडवेज की यह बस खरीद का मामला शुक्रवार को विधानसभा में गूंजा, विपक्ष ने बस खरीद में सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और एसआईटी जांच की मांग की।नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह़दयेश ने कहा कि इस बस खरीद में साफ साफ नजर आ रहा है कि भ्रष्टाचार किया गया है। नई नवेली बसों के आए दिन गियर लीवर टूट जाना साबित करता है कि बसों को लेते वक्त गुणवत्ता की अनदेखी की गई है।कांग्रेस विधायक दल के उपनेता करन माहरा, मनोज रावत, ममता राकेश ने भी सरकार की जीरो टालरेंस नीति पर सवाल उठाए,वहीं परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने सदन को विश्वास दिलाया कि एक एक बस की जांच की जा रही है।जब तक बसों की गुणवत्ता की जांच नहीं हो जाती तब तक किसी भी बस को नहीं चलाया जाएगा।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बस खरीद में भ्रष्टाचार के साथ लोकायुक्त को भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान 100 दिन में लोकायुक्त लाने का वादा करने वाली सरकार जानबूझकर लोकायुक्त का गठन नहीं कर रही है।यदि लोकायुक्त का गठन हो जाता तो इस प्रकार के मामलों पर कार्रवाई भी शुरू हो जाती।एनएच भूमि मुआवजा घोटाले का जिक्र करते हुए प्रीतम ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में लगाता भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं।सरकार को चाहिए कि लोकायुक्त का गठन कर रोडवेज की बस खरीद को पहले मामले के रूप में उसे जांच के लिए दे।सरकार की ओर से जवाब देते हुए परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया।कहा कि अब तक बस कंपनी को एक भी पैसे का भुगतान नहीं किया गया है।बल्कि कंपनी की बैंक गारंटी भी रोडवेज के पास सुरक्षित है।गियर लीवर टूटने की घटना प्रकाश में आने के बाद सभी बसों को रोड से हटा लिया गया है। सभी बसों को नए सिरे से जांच कराई जा रही है। यदि बसें यात्री सुरक्षा मानक पर खरी नहीं उतरी तो उन्हें नहीं चलाया जाएगा। सरकार के जवाब के बाद विस अध्यक्ष प्रेमचद अग्रवाल ने विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। नई खरीदी गई बसों में इन खामियों को लेकर उठ रहे हैं सवाल-नई बसों का गियर लीवर कमजोर होने के कारण टूट रहा है। ड्राइवर की सीट के ठीक पीछे की तीन यात्री वाली सीट पर बैठे यात्री के पांव गियर से टकरा रहे हैं। ठोकर लगने से गाड़ी का गियर अपने आप बदल सकता है। गियर बॉक्स की क्षमता भी कम है, पहले रोडवेज की गाड़ियों में सेवन प्लस वन फार्मूले के गियर आते थे। यानि छह गियर आगे स्पीड़ के लिए और एक गियर बैक करने के लिए।नई बस में एक गियर कम है। ये बसें फाइव प्लस वन सिस्टम की है। बस के भीतरी लगैज कैरियर की ऊंचाई भी काफी कम है। इस कैरियर में यात्री अपनी अपनी अटैची, बैग आदि सामान रखते हैं। सीट से उठने पर इन कैरियर का फ्रैम सीधा सिर से टकराता है।बस का माइलेज भी अपेक्षाकृत काफी कम है।