उत्तराखंड सरकार ने टिहरी झील के चारों ओर रिंग रोड बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत 42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली झील के किनारे 335 करोड़ की लागत से 234.6 किलोमीटर लंबा डबल लेन रिंग रोड बनाई जाएगी।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को टिहरी जलाशय को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने को अफसरों के साथ बैठक की। जिसमें तत्काल भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही तथा वन भूमि हस्तांतरण एवं अन्य कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
सचिवालय में आयोजित बैठक में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा में पर्यटन विभाग को टिहरी झील के चारों ओर रिंग रोड का निर्माण कराने के निर्देश प्राप्त हुए है। रिंग रोड न होने से पर्यटन विकास के लिए आवश्यक मूलभूत ढांचागत सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा है।
चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्री भी रिंग रोड का उपयोग कर सकेंगे। जावलकर ने बताया कि प्रस्तावित रिंग रोड में विभिन्न स्थानों पर सुविधाएं विकसित करने के लिए एशियन विकास बैंक के विषय विशेषज्ञों की सहायता ली जा रही है।
एडीबी से वित्त पोषित किए जाने का प्रस्ताव है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि प्रस्तावित रिंग रोड की कुल लंबाई 234.60 किमी है। जिसका 142.20 किमी भाग सिंगल लेन, 38,40 किमी 1.5 लेन निर्मित है। 18 किमी की लंबाई में सिंगल लेन निर्माणाधीन है तथा 16 किमी लंबाई में सिंगल लेन का निर्माण किया जाना है।
इसके साथ ही रोड का 20 किमी भाग चारधाम सड़क मार्ग के अंतर्गत निर्माणाधीन है। प्रस्तावित मार्ग में 4 सेतुओं का निर्माण भी किया जाएगा। प्रस्तावित कार्य के प्रथम चरण की लागत 8.81 करोड़ रुपये तथा द्वितीय चरण में 326.14 करोड़ रुपये का आगणन तैयार किया गया है। बैठक में अपर सचिव सोनिका, अनु सचिव दिनेश कुमार पुनेठा आदि अधिकारी मौजूद रहे।