करैबियायी देश एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउनी ने कहा है कि भारतीय बैंक के साथ धोखाधड़ी के मामले में फरार मेहुल चोकसी की नागरिकता रद्द की जा सकती है। इसके बाद इस बात की संभावना बढ़ गयी है कि उसे भारतीय अधिकारियों के हवाले किया जा सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं सीबीआई को चोकसी (60) और उसके भांजे नीरव मोदी की पंजाब नेशनल बैंक को 13,400 करोड़ रुपये का कथित रूप से चूना लगाने के मामले की जांच में पूछताछ की जरूरत है। नीरव इस समय लंदन की जेल में है।
‘एंटीगुआ ऑब्जर्वर’ की खबर में प्रधानमंत्री ब्राउनी के हवाले से कहा गया है, ”उसकी नागरिकता के आवेदन की जांच की गयी थी; उसे नागरिकता मिल गयी है लेकिन उसे रद्द किया जाएगा एवं उसे वापस भारत भेजा जाएगा; (पर) इसका एक रास्ता है। ऐसा नहीं है कि हम वित्तीय अपराधों में लिप्त अपराधियों को पनाहगाह उपलब्ध करा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ”हमें तय प्रक्रिया का पालन करना होगा। उनके खिलाफ अदालत में मामला चल रहा है और हमने भारत सरकार को कहा है कि अपराधियों के भी मौलिक अधिकार होते हैं और चोकसी को अदालत का दरवाजा खटखटाने एवं अपना पक्ष रखने का अधिकार है। लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि जब वह अपने पक्ष में सभी वैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल कर चुका होगा तो उसे प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा।”
प्रवर्तन निदेशालय ने बंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि वह चोकसी को भारत लाने के लिए एक एयर एम्बुलेंस (रोगी की सुविधा के इंतजाम वाले विशेष विमान की सेवाएं) उपलब्ध कराने को तैयार है। वहीं एंटीगुआ में चोकसी ने उच्च न्यायालय से कहा कि उसने मुकदमे से बचने के लिए नहीं बल्कि चिकित्सकीय उपचार के लिए भारत छोड़ा था। उसने कहा कि वह शारीरिक रूप से यात्रा के लिए ठीक होने पर भारत लौटेगा।