कोरोना वायरस की रोकथाम व इसे फैलने से रोकने के लिए देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित किया गया है। 14 अप्रैल के बाद देशभर में लॉकडाउन लागू रहेगा या हटेगा, इस पर केन्द्र सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं किया गया है। देश के प्रमुख समाचार पत्रों में छपी खबरों के मुताबिक कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए कई इसे जारी रखने के पक्ष में हैं।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कम से कम सात राज्यों ने सोमवार को संकेत दिए हैं कि वे लॉकडाउन हटाए जाने की सूरत में भी अपने यहां पाबंदियों को जारी रख सकते हैं। वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने लॉकडाउन को बढाए जाने की अनुशंसा की है।
इकॉनामिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस से उपजे संकट पर विचार-विमर्श करने के लिए बनी 11 कमेटियों ने धीरे-धीरे चरणबद्ध प्रक्रिया में लॉकडाउन हटाने की सिफारिश की है। अखबार के मताबिक इन कमेटियों ने तीन तरह के प्रस्ताव दिए हैं, जिन पर केन्द्र सरकार को विचार करना है, हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार कोई भी फैसला लेने से पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के आने वाले दिनों के संक्रमण के ऑकडे को देखेगी।
हिन्दी डेली दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक लॉकडाउन खत्म करने का ड्राफ्ट तैयार किया गया है लेकिन इसे अभी केन्द्र सरकार की मंजूरी नहीं मिली है।
वहीं उत्तराखंड के परिपेक्ष में हिंदुस्तान हिंदी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि सरकार 7 से 14 अप्रैल तक की अवधि पर निगरानी के बाद लॉकडाउन को लेकर को लेकर फैसला लेगी। यदि संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ती है तो सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों को इस संक्रमण से दूर रखना होगा। इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना होगा, जो बगैर लॉकडाउन के संभव नहीं है।