एडमिरल रामदास ने कहा, ”सैन्य बल किसी व्यक्ति से नहीं जुड़ा हुआ है, वे देश की सेवा करते हैं। चुनाव होने तक मुख्य चुनाव आयुक्त बॉस हैं। मैं इस संबंध में चुनाव आयोग जा रहा हूं।”
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एच एस पनाग ने भी कहा कि यह हैरान करने वाली टिप्पणी नहीं है क्योंकि पिछले पांच साल में कई नेताओं ने इस तरह की टिप्पणी करते हुए राष्ट्रवाद को सैन्य बलों से जोड़ने की कोशिश की है।
वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ बोलकर जवानों के पराक्रम और शहीदों का अपमान और चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ”आदित्यनाथ ने ‘मोदी की सेना’ बोलकर हमारे शहीदों और हमारे बहादुर जवानों के पराक्रम और बलिदान का अपमान किया है। यह चुनाव आयोग के नियमों का भी उल्लंघन है।”